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अवैध शराब फैक्टरी : अवैध फैक्टरी के साथ बाजार भी था तैयार

कहलगांव: घोघा, पक्कीसराय, जानीडीह एवं अगल-बगल के क्षेत्र में लगभग चार दर्जन से अधिक ईंट भट्ठे हैं. इन भट्ठों में काम करनेवाले मजदूर दिन भर की हाड़तोड़ मेहनत के बाद थकान मिटाने के लिए शराब का सहारा लेते हैं. विदेशी ब्रांडेड शराब तो इनकी पहुंच से बाहर है. ये लोग सस्ती देसी शराब का सेवन […]

कहलगांव: घोघा, पक्कीसराय, जानीडीह एवं अगल-बगल के क्षेत्र में लगभग चार दर्जन से अधिक ईंट भट्ठे हैं. इन भट्ठों में काम करनेवाले मजदूर दिन भर की हाड़तोड़ मेहनत के बाद थकान मिटाने के लिए शराब का सहारा लेते हैं. विदेशी ब्रांडेड शराब तो इनकी पहुंच से बाहर है. ये लोग सस्ती देसी शराब का सेवन करते हैं. यानी ईंट भट्ठों में देसी शराब काफी मात्र में खपती है. इस कारण भट्ठों के आसपास अवैध शराब बनाने का धंधा फलता-फूलता है. इस कारण शराब माफियाओं ने इस जगह अवैध शराब फैक्टरी चलानी शुरू कर दी. जिस बासा पर अवैध शराब फैक्टरी पकड़ी गयी, वह नाथनगर के जदयू विधायक अजय मंडल के पिता के नाम पर है.

होता था लाखों का कारोबार
छापामारी के समय ट्रैक्टर पर 82 बोरे शराब के तैयार पाउच पकड़े गये, जो लगभग 10 हजार पाउच थे. इसकी कीमत साढ़े तीन लाख रुपये आंकी गयी है. यहां से बड़े पैमाने पर अवैध शराब की सप्लाइ हो रही थी. उत्पाद विभाग के सूत्रों की मानें तो यहां पर निर्मित शराब की पाउचें भागलपुर शहरी क्षेत्र, कहलगांव नगर क्षेत्र एवं नवगछिया नगर क्षेत्र में भेजी जाती थी. हर जगह के अनुज्ञप्ति धारक दुकानदार का उनसे अच्छा संबंध है, जो लाखों का कारोबार करते हैं.

विधायक के पिता व भतीजा फरार
अवैध देसी शराब निर्माण मामले में नाम सामने आने पर विधायक के पिता रामदास मंडल व भतीजा रंजीत मंडल दोनों घर से फरार हैं. प्रभात खबर की टोली जब उनसे बात करने उनके घर पहुंची तो दोनों घर पर नहीं मिले. परिजनों ने बताया कि वे घर पर नहीं हैं.

एसआइ के बयान पर प्राथमिकी
अवैध शराब फैक्टरी के उद्भेदन के बाद उत्पाद विभाग के अवर निरीक्षक टुनटुन पासवान के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मामले में विधायक पिता सह पूर्व मुखिया रामदास मंडल एवं उनके भतीजे रंजीत मंडल को आरोपित बनाया गया है.

पुलिस की भूमिका पर सवाल
घोघा थाना क्षेत्र में करीब एक साल से उक्त शराब की फैक्टरी चल रही थी, लेकिन पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी. इस कारण घोघा पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. छापेमारी के लिए जब उत्पाद विभाग की टीम बुधवार को आमापुर दियारा पहुंची तो गांव के चौकीदार बासा का मालिक का नाम बताने से कतरा रहा था. उत्पाद विभाग ने दबाव बनाया तो चौकीदार ने रामदास मंडल का नाम बताया. इतने बड़े पैमाने पर शराब का उत्पाद हो रहा था और पुलिस को खबर नहीं, यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही है.

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