भागलपुर : जिले में नौ चरणों में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम तैयार किया गया है. 28 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के बाद जिले में आचार संहिता लग जायेगी. पंचायत विभाग ने 16 प्रखंड में नौ चरणों में होनेवाले चुनाव को लेकर संभावित मतदान केंद्र से लेकर सुरक्षा बल और कर्मी की संख्या का आकलन कर लिया है. राज्य निर्वाचन आयोग से मतदान केंद्र पर मुहर लगने के बाद प्रखंड कार्यालय में चुनाव की सरगर्मी तेज हो जायेगी. मंगलवार को कैबिनेट के फैसले के बाद बुधवार को हुए वीडियो कांफ्रेंस में पंचायत चुनाव के बारे में प्रशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
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16 प्रखंड में नौ चरणों में होगा मतदान
भागलपुर : जिले में नौ चरणों में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम तैयार किया गया है. 28 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के बाद जिले में आचार संहिता लग जायेगी. पंचायत विभाग ने 16 प्रखंड में नौ चरणों में होनेवाले चुनाव को लेकर संभावित मतदान केंद्र से लेकर सुरक्षा बल और कर्मी की संख्या का आकलन […]
नौ चरण के चुनाव में सबसे अधिक तीसरे चरण में तीन अलग-अलग प्रखंड हैं. इसके बाद पहला, दूसरा, सातवां, आठवां और नौवां में दो-दो प्रखंड और एक-एक प्रखंड में पंचायत चुनाव चौथा, पांचवां और छठे चरण में होंगे. वहीं मतगणना को लेकर भी आयोग का पत्र अगले कुछ दिनों में जारी कर दिया जायेगा.
मछलियों की मौत के बाद जगी पैन इंडिया
गंगा नदी सूखने के कारण शहर की जलापूिर्त व्यवस्था चरमरा गयी है. बरारी स्थित वाटर वर्क्स के इंटकवेल में पानी की िकल्लत होने लगी है. हालांिक बुधवार को पैन इंडिया एजेंसी ने भर इंटकवेल को भरने का प्रयास किया और वहां तालाब की गंदगी को मजदूरों से साफ कराया.
वॉटर वर्क्स बरारी परिसर स्थित दो पोखरे में हुई मछलियों की मौत के बाद जगी पैन इंडिया दिन भर अपनी लापरवाहियों को छिपाती रही. इसके तहत पैन इंडिया के जिम्मेदारों ने परिसर स्थित सभी पोखरों में पंपों के जरिये दिन भर पानी भरा. इस दौरान करीब आधा दर्जन मजदूरों के जरिये इन पोखरों में उगी जलकुंभी एवं कमल के फूल को जाल से छनवाया गया.
पहले मरी मछलियों को ही निकाला गया पोखरे से. परिसर स्थित आधा दर्जन पोखरे जलापूर्ति के लिए बनाया गया है. परिसर स्थित करीब आधा दर्जन पोखरों में नदी का पानी जरिये इंटेक वेल भरा जाता है. इसी पानी को शुद्ध करके जलापूर्ति के जरिये पूरे शहर को पानी पहुंचाया जाता है. इसी परिसर के पूर्वी हिस्से स्थित दो पोखरे में बीते दिन मछलियां मर गयी थी. मरने वाली मछलियों में ज्यादातर संख्या बामी मछलियों की थी. मछलियों की मौत के बाद पैन इंडिया जगा और आनन-फानन इन्हें पोखरे से निकलवा कर फेंकवा दिया.
आॅक्सीजन की कमी के कारण मरी मछलियां!. जिन पोखरे में मछलियां मरी थी उनमें जलकुंभी उगी हुई थी. मौत का कारण तो रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल सकेगा. जलकुंभी पानी में घुले आॅक्सीजन के लेवल काे कम कर देता है, इसलिए हो सकता है कि पाेखरे में ऑक्सीजन का लेवल पांच पीपीएम से कम होने के कारण मछलियां मरी हों.
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