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गुलशन के हत्यारों पर चलेगा स्पीडी ट्रायल

गुलशन के हत्यारों पर चलेगा स्पीडी ट्रायल – आइजी के निर्देश पर डीआइजी ने स्पीडी ट्रायल को लेकर की बैठक – बैठक में भागलपुर, बांका व नवगछिया के एसडीपीओ शामिल हुए – चर्चित केस में स्पीडी ट्रायल से अपराधियों को सजा दिलाने पर चर्चा- आइजी के निर्देश पर हुई बैठक, आगे भी आइजी करेंगे समीक्षा […]

गुलशन के हत्यारों पर चलेगा स्पीडी ट्रायल – आइजी के निर्देश पर डीआइजी ने स्पीडी ट्रायल को लेकर की बैठक – बैठक में भागलपुर, बांका व नवगछिया के एसडीपीओ शामिल हुए – चर्चित केस में स्पीडी ट्रायल से अपराधियों को सजा दिलाने पर चर्चा- आइजी के निर्देश पर हुई बैठक, आगे भी आइजी करेंगे समीक्षा फोटो आशुतोष जी वरीय संवाददाता, भागलपुर टीएनबी परिसर में दाउदचक की सगुफ्ता उर्फ गुलशन हत्याकांड में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जायेगा. चर्चित अनिल साह हत्याकांड और शाहकुंड के पैरडोमिनिया के मुखिया की हत्या करने जा रहे अपराधियों को भी स्पीडी ट्रायल से ही सजा दिलाने की तैयारी की जा रही है. शनिवार को डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा ने स्पीडी ट्रायल को लेकर भागलपुर, बांका और नवगछिया के सभी एसडीपीओ के साथ बैठक की. डीआइजी ने यह बैठक आइजी के निर्देश पर की. स्पीडी ट्रायल को लेकर जल्दी ही आइजी समीक्षा करेंगे. प्रत्येक माह डीआइजी और आइजी स्पीडी ट्रायल मामलों की समीक्षा करेंगे. एसडीपीओ को तय करनी है प्राथमिकता डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा ने एसडीपीओ को निर्देश दिया है कि वह अपनी प्राथमिकताएं तय कर लें और उसके हिसाब से काम करें. सभी एसडीपीओ को तीन महीने का लक्ष्य निर्धारित कर बताना होगा. उनका समय पूरा होने पर काम की प्रगति पर उनसे रिपोर्ट मांगी जायेगी. एसडीपीओ को पांच मामलों को चुनकर स्पॉट पर जाना होगा. डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि स्पीडी ट्रायल में उन मामलों से जुड़े केस को प्राथमिकता दी जायेगी, जिसमें गवाह कम और विश्वसनीय हो. इन मामलों में चलाया जायेगा स्पीडी ट्रायल – महिलाओं पर अत्याचार के मामले- अनुसूचित जाति पर अत्याचार मामले- आर्म्स एक्ट – हत्या, डकैती और लूट – ऐसे मामले जिसमें लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती दी गयी हो और माहौल बिगाड़ा गया हो इतने मामलों पर चल रहा स्पीडी ट्रायलभागलपुर – 132नवगछिया – 48बांका – 40 बॉक्स मैटर 10 साल का रिकॉर्ड तैयार करेंगे थानाध्यक्ष सभी थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में पिछले 10 सालों में साम्प्रदायिक तनाव, भूमि विवाद और जातीय तनाव को लेकर हुए केस का रिकाॅर्ड तैयार करेंगे. ब्योरे में केस की संख्या, उसके अभियुक्त और उसमें हुई कार्रवाई पर रिपोर्ट होगी. इसके साथ ही उसमें थानाध्यक्ष अपना सुझाव भी देंगे, जिसमें वे पहले हुई और आगे होने वाली कार्रवाई की बात होगी. सभी थानाध्यक्ष अपनी रिपोर्ट डीएसपी को सौपेंगे. डीएसपी उस रिपोर्ट को एसपी को सौपेंगे, एसपी डीआइजी और डीआइजी उस रिपोर्ट को आइजी को सौंपेंगे. आइजी उस रिपोर्ट को मुख्यालय भेजेंगे. सभी लेवल पर उसकी समीक्षा होगी.

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