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कृषि कार्यालय की आत्मा के सामने नरक

कृषि कार्यालय की आत्मा के सामने नरक-प्रभात पड़ताल-जिला कृषि कार्यालय में अव्यवस्था का आलम, सार्वजनिक शौचालय, पेयजल से लेकर सफाई व्यवस्था की दिखती है कमीफोटो नंबर : मनोज जीसंवाददाता, भागलपुरइन दिनों जिले के किसानों का हाल-चाल जाननेवाला जिला कृषि कार्यालय का हाल बदहाल है. यहां पर न सार्वजनिक शौचालय है और न ही समुचित पेयजल […]

कृषि कार्यालय की आत्मा के सामने नरक-प्रभात पड़ताल-जिला कृषि कार्यालय में अव्यवस्था का आलम, सार्वजनिक शौचालय, पेयजल से लेकर सफाई व्यवस्था की दिखती है कमीफोटो नंबर : मनोज जीसंवाददाता, भागलपुरइन दिनों जिले के किसानों का हाल-चाल जाननेवाला जिला कृषि कार्यालय का हाल बदहाल है. यहां पर न सार्वजनिक शौचालय है और न ही समुचित पेयजल की सुविधा. इतना ही नहीं यहां पर सफाई व्यवस्था की भी कमी दिखती है. इस बात का प्रमाण पुराने आत्मा कार्यालय के आसपास बिखरे कूड़े-कचरे और उग आयी झाड़ियां है. धूल फांक रही चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशालाजिला कृषि कार्यालय परिसर में महीनों से चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला धूल फांक रही है. 40 लाख से अधिक की लागत से खरीद की गयी एवं आंध्रप्रदेश से मंगायी गयी चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला आधुनिक सुविधा से लैस है. बावजूद इसके शेड व देखरेख के अभाव में धूल की परत जम गयी है. कोई भी देखकर एक बार जरूर कह देगा कि इस मिट्टी जांच प्रयोगशाला का न इस्तेमाल हो रहा है और न ही इसकी देखरेख.आत्मा कार्यालय के सामने जगह-जगह बिखरे हैं कूड़ेजिला कृषि कार्यालय अंतर्गत पुराने आत्मा कार्यालय के आसपास कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा है. देखरेख के अभाव में आसपास झाड़ियां व घास उग आयी हैं. यहां के कर्मचारियों की मानें तो पहले यह कार्यालय किसान विद्यापीठ का था, जो किसानों का ट्रेनिंग सेंटर था. बाद में आत्मा को सौंप दिया गया. अब भवन जर्जर हो चुका है, इसलिए इसमें ताला लगा दिया गया. हालांकि कुछ लोगों ने कहा कि इसका इस्तेमाल गोदाम के रूप में किया जा रहा है. महीनों से पड़ी है लाखों की पाइप जिला कार्यालय परिसर में कृषि मेला के लिए लाये गये सिंचाई पाइप महीनों से पड़े हैं. इनकी कीमत का अनुमान यहां के कर्मचारी लाखों में लगाते हैं. पाइप के आसपास झाड़ियां उग आयी है. बारिश व धूल में पाइप खराब हो रहे हैं. इसकी देख रेख ठीक ढंग से नहीं हो रही है. इस सिंचाई पाइप को अनुदानित मूल्य पर किसानों को बेचने की योजना है. हालांकि यह पाइप सरकारी नहीं, बल्कि डीलर की है. शौचालय का अभाव जिला कृषि कार्यालय में पदाधिकारियों के लिए तो विशेष शौचालय व यूरिनल है, लेकिन कृषि कार्यालय पहुंचने वाले जिले के सैकड़ों किसानों व सामान्य कर्मचारियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें नाले या कोने-कातर में जाकर पेशाब करना पड़ता है. अब टंकी वाले पानी पर भी आफतजिला कृषि कार्यालय में पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. एक वर्ष पहले पानी टंकी से नल की सुविधा थी. हालांकि यह कहना मुश्किल था कि यह पीने लायक है या नहीं. अब तो बहुत खोजने पर कहीं पानी टपकता नल दिख जाये. ऐसी स्थिति में तिलकामांझी चौक पर जाना होगा, जहां पर खरीद कर पानी पीना पड़ेगा.कोट :-जिला कृषि कार्यालय में व्यवस्था को दुरुस्त कराया जा रहा है. चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला के लिए शेड बनाने का एलॉटमेंट आ रहा है. पुराने आत्मा कार्यालय का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसी कारण ताला लगा हुआ है. कार्यालय में सार्वजनिक शौचालय व पेयजल व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन से मांग की गयी है.अरविंद कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी———

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