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अकबरनगर के युवक की हत्या का पार्ट

अकबरनगर के युवक की हत्या का पार्ट रमन का मोबाइल छीन लिया, किसी और नंबर से आया था कॉल रमन के घर वालों का कहना है कि उसके पास मोबाइल (नंबर 8051762106) था. जो हत्या के बाद छीन लिया गया. रमन के पास से मोबाइल का हेडफोन मिला है. रमन के परिजनों का कहना है […]

अकबरनगर के युवक की हत्या का पार्ट रमन का मोबाइल छीन लिया, किसी और नंबर से आया था कॉल रमन के घर वालों का कहना है कि उसके पास मोबाइल (नंबर 8051762106) था. जो हत्या के बाद छीन लिया गया. रमन के पास से मोबाइल का हेडफोन मिला है. रमन के परिजनों का कहना है कि दोपहर लगभग तीन बजे तक रमन से घर वालों की बात होती रही. रमन के भाई संतोष ने बताया कि रमन को गोली लगने के बाद किसी ने उसके नंबर पर मिस्ड कॉल दिया. उस नंबर पर वापस कॉल किया, तो किसी ने बताया कि रमन का एक्सीडेंट हो गया है. वह घायल पड़ा हुआ है उसे आकर ले जायें. क्या रमन को बातचीत के बाद गोली मारी गयी ?घटनास्थल पर रमन के शव के पास उसकी बाइक स्टैंड पर खड़ी मिली. उसमें चाबी लगी हुई थी. ऐसे में इतना तो तय है कि रमन को बाइक से चलते हुए में गोली नहीं मारी गयी. अगर बाइक स्टैंड पर खड़ी थी तो क्या रमन से उस जगह खड़े होकर किसी ने बात की. क्या बातचीत के दौरान बहस होने के बाद रमन को गाेली मारी गयी. अमरजीत पर रमन के परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अमरजीत घर से ही पिस्तौल लेकर चला था. अगर ऐसा नहीं तो रास्ते में उसने पिस्तौल कहां से ली होगी. क्या रमन की हत्या में अमरजीत के अलावा कोई और शामिल है. अमरपुर स्थित कॉलेज में 11वीं का छात्र था रमन रमन के पाॅकेट से उसका कॉलेज का आइ कार्ड मिला. उससे पता चला कि रमन बांका के अमरपुर स्थित लोक नाथ कॉलेज शाहपुर में 11वीं का छात्र था. आइ कार्ड में रमन की जन्म तिथि 20 दिसंबर 1998 लिखा हुआ है. रमन के परिजनों का कहना है कि उसका एडमिशन अमरपुर में था, लेकिन वह भागलपुर में ही सराय के पास ट्वीशन पढ़ने आता था. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि रमन पढ़ाई के लिए सुल्तानगंज भी जाता था.सबसे बड़ा सवाल, लोदीपुर कैसे पहुंच गया रमन अमरपुर में कॉलेज में एडिमशन होने और सराय के पास ट्वीशन के लिए आने वाला रमन सबौर रोड के जमसी के पास ललमटिया बहियार के पास कैसे पहुंच गया इसका कारण कोई भी नहीं बता पा रहा. लोदीपुर थाना पहुंचे रमन के परिजनों ने कहा कि सबौर की तरफ जाने का कोई भी कारण किसी को समझ में नहीं आ रहा. इसलिए अमरजीत पर लग रहा हत्या का आरोपरमन के बड़े भाइयों का कहना है कि श्रीरामपुर के ही रहने वाले भीखो यादव से उन्होंने 50 हजार रुपये कर्ज लिया था. रमन के भाई संतोष ने कहा कि भीखो काे 50 हजार रुपये लौटा भी दिये गये पर वह सूद का और 50 हजार रुपये मांग रहा था. रमन के परिजनों ने भीखो की बेटी गीता देवी से भी पांच हजार कर्ज लिया था, जिसके लौटा देने के बाद भी वे सूद के और 15 हजार मांग रहे थे. जिस अमरजीत पर रमन की हत्या का आरोप लगाया जा रहा है वह भीखो यादव का नाती और गीता का बेटा है. रमन के परिजनों का कहना है कि भीखो, उसकी बेटी और दामाद के अलावा नाती मिल कर हमेशा धमकी देते थे.तीन साल पहले रमन के बड़े भाई को घर में बंद कर दिया थारमन के परिजनों का कहना है कि भीखो और उसकी बेटी से पैसे कर्ज लेने और उसे चुकाने में देरी होने की वजह से लगभग तीन साल पहले रमन के भाई फंटूस को भीखो की बेटी गीता, उसके पति मनोज और उसके बेटे अमरजीत ने मिलकर घर में बंद कर दिया था. हंगामा होने के बाद फंटूस को छोड़ा था. पॉकेट में टाॅफी मिला, ठंड से बचने के लिए पेट के पास पेपर लगाया थारमन स्वेटर नहीं पहन रखा था. उसके शर्ट के अंदर पेपर मिला जो शायद उसने ठंड और हवा से बचने के लिए लगाया होगा. रमन के पॉकेट से काफी संख्या में टॉफी मिले हैं. यह भी नहीं समझ में आ रहा कि रमन ने अपने पॉकेट में इतनी सारी टॉफी क्यों रखी थी. पिता चाय बेचते हैं, कुल 11 भाई-बहन रमन के पिता प्रकाश यादव चाय की दुकान चलाते हैं. रमन कुल छह भाइयों में पांचवें नंबर पर था. रमन की पांच बहने भी हैं. रमन के बारे में लोगों ने बताया कि वह काफी सीधा लड़का था, जो किसी से कभी लड़ाई झगड़ा नहीं करता था.

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