भागलपुर: भागलपुर के लॉज संचालक अगर सजग नहीं हुए तो आतंकी इसका फायदा उठा सकते हैं. शहर के करीब 500 लॉजों में रह रहे सवा लाख बाहरी विद्यार्थियों का पुलिस के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है. मकान-मालिक, लॉज संचालक भी विद्यार्थियों के बारे में पुलिस को सूचना देना जरूरी नहीं समझते हैं. ताज्जुब की बात यह है कि पुलिस के पास इन लॉजों की सूची तक नहीं है.
आतंकी भागलपुर के लॉजों में नाम, पता बदल कर विद्यार्थी के वेश में छिपे हो सकते हैं. क्योंकि विद्यार्थियों को कोई सत्यापन नहीं होता. रांची के इरम लॉज में पटना ब्लास्ट के आरोपी आतंकी के पकड़े जाने के बाद भी भागलपुर पुलिस हरकत में नहीं आयी.
यहां के लॉजों में हर दिन नये विद्यार्थी आ रहे हैं और जा रहे हैं, लेकिन किस विद्यार्थी का क्या इतिहास रहा है, इसे पता करने की कोशिश भी कभी भागलपुर पुलिस ने नहीं की. जबकि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए किरायेदारों का पुलिस सत्यापन आवश्यक है. गृह मंत्रलय ने इस दिशा में विशेष गाइड लाइन जारी किया है. पटना ब्लास्ट के बाद इसे और भी सख्ती से लागू करने का निर्देश डीजीपी ने दिया है. लेकिन भागलपुर पुलिस के पास शहर के किरायेदारों की भी सूची उपलब्ध नहीं है.