भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा एसएम कॉलेज की प्राचार्य को स्पष्टीकरण के साथ जांच रिपोर्ट भेज दी गयी है. इस पर प्राचार्य डॉ निशा राय का कहना है कि नामांकन में आरक्षण की अवहेलना को लेकर तैयार की गयी जांच रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है. यह जांच प्रताड़ित करने के लिए करायी गयी है. अगर दोबारा प्रताड़ित किया गया, तो वे राज्य महिला आयोग व राजभवन का दरवाजा खटखटायेंगी.
उन्होंने बताया कि डिग्री पाठ्यक्रम सत्र 2012-15 में 480 सीट में 380 सीट पर नामांकन हुआ और 20 सीट खाली ही रह गयी. शिकायत राजनीति विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र व मनोविज्ञान में नामांकन के लिए की गयी थी, जबकि इन सारे विषयों में भी सीट खाली रह गयी थी. फिर गड़बड़ी की गुंजाइश बचती कहां है.आरक्षण की अवहेलना का सवाल ही नहीं उठता है. वैसे भी एक भी छात्र ने आरोप नहीं लगाया है, बल्कि छात्र संगठन ने लगाया है.
प्राचार्य ने बताया कि विश्वविद्यालय ने जिस चार सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, उनमें सभी सदस्य आरक्षित कोटे के और वे सामान्य कोटि की हैं. यह जानबूझ कर प्रताड़ित करने का प्रयास नहीं तो और क्या है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित समयसीमा में जवाब भेजा जायेगा.