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नगर विकास के लिए जमीन खरीदेगा निगम

नगर विकास के लिए जमीन खरीदेगा निगम- नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने योजना को धरातल पर लाने के लिए फैसला- भूमि अनुपलब्धता के कारण कई योजना पर नहीं हो रहा था कामसंवाददाता, भागलपुर नगर निकाय क्षेत्रों में भूमि की अनुपलब्धता के कारण कई योजना जो धरातल पर नहीं उतर पायी और जिसके कारण […]

नगर विकास के लिए जमीन खरीदेगा निगम- नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने योजना को धरातल पर लाने के लिए फैसला- भूमि अनुपलब्धता के कारण कई योजना पर नहीं हो रहा था कामसंवाददाता, भागलपुर नगर निकाय क्षेत्रों में भूमि की अनुपलब्धता के कारण कई योजना जो धरातल पर नहीं उतर पायी और जिसके कारण राशि खर्च नहीं हो रही है. इसको लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा नेे 26 नवंबर को बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 99 के आलोक में बाजार दर पर रैयती भूमि क्रय करने के संबंध में पत्र जारी किया है. पत्र नगर निगम के नगर आयुक्त और नगर परिषद व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के अलावा बुडको, बिहार राज्य आवास बोर्ड को भी भेजा गया है. इसमें प्रधान सचिव ने कहा है कि नगर निकायों में सरकारी भवन, बस स्टैंड, सामुदायिक भवन, अतिथि भवन, विवाह भवन, पार्क का निर्माण, सिवरेज हेतु पंपिंग स्टेशन का निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, रैन बसेरा, मलिन बस्तियों में आधारभूत संरचना के लिए राशि आवंटित की जा रही है, ताकि सामाजिक और सांस्कृतिक समारोहों को सुसज्जित भवनों में आयोजन किया जा सके. कई निकायों में भूमि की अनुपलब्धता के कारण बाधा आ रही है. राशि अनुपलब्धता के कारण स्थायी डंपिंग यार्ड नहीं कूड़ा डंपिंग के लिए साल भर पहले गोराडीह प्रखंड में नगर निगम द्वारा स्थायी डंपिंग यार्ड के लिए भूमि देखी गयी थी. दस साल से निगम द्वारा इसके लिए जमीन खोजी जा रही थी, लेकिन जब जमीन मिली, तो राशि का अभाव हो गया. राशि के आवंटन के नगर आयुक्त ने नगर विकास एवं आवास विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन छह माह बाद भी राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है.टाउन हॉल की स्थिति भी हो रही खराब पांच-छह साल पहले टाउन हॉल को निगम द्वारा आधुनिक बनाया गया था. गद्देदार कुरसी और और एसी भी लगाया गया. लेकिन जिला -प्रशासन द्वारा हॉल का ठीक से रख-रखाव नहीं किया जा रहा है. इस कारण हॉल की स्थिति खराब हो रही है. अगर कोई प्रोग्राम हुआ, तो एसी बंद हो जाता है. कोई भी कार्यक्रम होता है, तो जिला प्रशासन इसका किराया वसूल करता है. प्रधान सचिव ने इन बिंदुओं को दर्शाया नगर निकायों में विभिन्न विकासात्मक कार्यों हेतु भूमि की आवश्यकता हो रही है. कई नगर निकायों को अपनी भूमि है. कई नगर निकायों को भूमि उपलब्ध नहीं होनेे पर सरकार द्वारा राज्य योजनान्तर्गत विकास कार्यों हेतु उपलब्ध करायी जा रही राशि पड़ी रहती है.ऐसे नगर निकाय, जहां उपयुक्त विभागीय योजना के भूमि उपलब्ध नहीं है, वैसे नगर निकायों को बाजार दर पर भूमि क्रय की स्वीकृति निम्नलिखित शर्त पर प्रदान की जाती है.- योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु आवश्यकतानुसार भूमि का क्रय बाजार दर की अधिसीमा पर किया जायेगा.- बाजार दर विचाराधीन वित्तीय वर्ष में किसी खास भूखंड के लिए निबंधन कार्यालय द्वारा निर्धारित दर के समतुल्य होगा.-आवश्यकतानुसार भूमि का क्रय संबंधित नगर निकाय द्वारा अपने संसाधनों से या आजार-ऋण की सहायता से किया जायेगा. जिसमें संबंधित भू खंड को बंधक रखा जा सकता है. राज्य सरकार के गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी.- क्रय के लिए भूखंडों का पूर्ण स्वामित्व संबंधित नगर निकायों का होगा. – संबंधित नगर निकायों द्वारा भूखंडों का क्रय पब्लिक रुचि की अभिव्यक्ति इओआइ के माध्यम से किया जायेगा. भूखंड के कीमत का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से होगा और भूखंड का विधिवत निबंधन किया जायेगा. संबंधित डयूटी शुल्क आदि जमा किया जायेगा.- बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 99 द्वारा नगर निकायों को भूमि क्रय करने की शक्ति प्राप्त है. – मंत्रिपरिषद की बैठक 25 अगस्त 2015 के मद संख्या 16 के रूप में स्वीकृति प्राप्त है.

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