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सात दिन में सात मीटर भी नहीं भरायी मट्टिी

सात दिन में सात मीटर भी नहीं भरायी मिट्टी फोटो : 24 नवंबर के अखबार में बाइपास की फोटो लगी थी. फाइल फोटो का इस्तेमाल किया जा सकता है.बाइपास : कैसे पूरा होगा एक साल आठ माह में सड़क, पुल और अंडर बाइपास का काम संवाददाता, भागलपुरबाइपास निर्माण का कार्य शुरू हुए एक सप्ताह बीत […]

सात दिन में सात मीटर भी नहीं भरायी मिट्टी फोटो : 24 नवंबर के अखबार में बाइपास की फोटो लगी थी. फाइल फोटो का इस्तेमाल किया जा सकता है.बाइपास : कैसे पूरा होगा एक साल आठ माह में सड़क, पुल और अंडर बाइपास का काम संवाददाता, भागलपुरबाइपास निर्माण का कार्य शुरू हुए एक सप्ताह बीत चुका है. इस सात दिन में सात मीटर भी मिट्टी नहीं भरी जा सकी है. ऐसे में एक साल आठ माह में इस बाइपास का काम कैसे पूरा होगा जिसमें चंपानाला पर एक मेजर ब्रिज, एक माइनर ब्रिज, जीरोमाइल के पास फ्लाइओवर ब्रिज, भागलपुर-पटना रेलखंड पर एक रेलवे ओवर ब्रिज, भागलपुर-हावड़ा रेलखंड पर दो रेलवे ओवरब्रिज, भागलपुर-मंदारहिल रेलखंड पर तीन रेलवे ओवर ब्रिज, भागलपुर-अमरपुर मार्ग पर एक व्हेकिल अंडर पास व भागलपुर-हंसडीहा मार्ग पर दो व्हेकिल अंडर पास सहित 16.73 किमी लंबी सड़क बननी है. जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान एनएच विभाग को निर्देश दिया है कि बाइपास का निर्माण एक साल आठ माह में कराया जाये. हालांकि याेजना पूरा होने का समय दो साल निर्धारित है. बरसात में तीन से चार माह सड़क का निर्माण संभव नहीं होता है. छह माह बाद बरसात आनेवाली है, जिसे देख अभी से अगर निर्माण कार्य में तेजी नहीं लायी गयी, तो निर्धारित समय पर बाइपास का निर्माण होना नामुमकिन हो जायेगा.बाइपास बनने से ही जाम से मिलेगा राहत बाइपास का निर्माण जितना शीघ्र होगा, उतना ही शीघ्र शहर के लोगों को जाम से छुटकारा मिलेगा. बाइपास के बनने से भारी वाहनों का दबाव नहीं रहेगा और दुर्घटना की भी आशंका कम हो जायेगी. वस्तुस्थिति यह है कि शहर में भारी वाहनों का दबाव बना रहता है, जिससे अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. 115 मीटर जमीन अधिग्रहण न होना बन सकता निर्माण में बाधक 115 मीटर जमीन अधिग्रहण नहीं होना भी बाइपास के निर्माण में बाधक बन सकता है. हेडक्वार्टर के निर्देश पर भी एनएच विभाग के स्थानीय अधिकारी रिपोर्ट तैयार नहीं कर सका है. मालूम हो कि नेशनल हाइवे-80 के 132 वें किमी पर जीरोमाइल के पास एनएच विभाग द्वारा 115 मीटर जमीन अधिग्रहण करना भूल गया. चीफ इंजीनियर का कार्यपालक अभियंता को निर्देश मिला है कि जांच कर रिपोर्ट भेजी जाये. विभागीय इंजीनियर और राजस्थान की जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के संयुक्त सर्वे के दौरान 115 मीटर में जमीन अधग्रिहण नहीं होने का मामला प्रकाश में आया है.

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