भागलपुर: परबत्ती चौक पर गुरुवार को महिला संघर्ष समिति की ओर से शराब बंदी को लेकर जिलाधिकारी का पुतला दहन किया जायेगा. महिला संघर्ष समिति की अध्यक्ष प्रमिला देवी का कहना है कि शराब की दुकान बंद कराने के लिए 10 नवंबर से भूख हड़ताल आंदोलन जारी है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक चार सूत्री मांग नहीं मानी गयी है. जिला प्रशासन इस मामले में गंभीर नहीं है.
अब तक अनशन स्थल पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. यदि किसी आंदोलनकारी या समर्थक ने आत्मदाह किया तो इसकी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी. आमरन अनशन पर बैठी महिलाओं से भाजपा नेता साधना झा मिलने पहुंची थी. उन्होंने कहा कि महिला संघर्ष समिति की मांग जायज है. यदि यहां से शराब की दुकान नहीं हटायी गयी तो आंदोलन किया जायेगा.
अनशन पर बैठी महिलाओं से मिलने के लिए अंग उत्थान संस्था के गौतम सुमन, जयंत जलद, प्रीतम विश्वकर्मा, जदयू नेता रंजीत मंडल आदि पहुंचे. शराब बंदी आंदोलन को विभिन्न राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्षों ने भी अपना समर्थन देने की बात कही है.
भागलपुर के विधायक अश्विनी कुमार चौबे ने परबत्ती के महिला संघर्ष समिति के शराब के खिलाफ आंदोलन को साहसिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि शराब से समाज में कई परिवार उजड़ गये हैं. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है. प्रशासन को परबत्ती में शराब की बिक्री को रोकना चाहिए. राजद के जिलाध्यक्ष चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि शराब बंदी आंदोलन समाज हित में है. इसलिए प्रशासन को अनशनकारियों से मिल कर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. भाजपा के जिलाध्यक्ष नभय चौधरी ने कहा कि शराब बंदी का आंदोलन सामाजिक उत्थान के लिए अच्छा मुद्दा है. प्रशासन को महिलाओं के इस आंदोलन पर ध्यान देना चाहिए.