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मां काली के दर्शन को दूर-दूर से पहुंचते हैं भक्त

मां काली के दर्शन को दूर-दूर से पहुंचते हैं भक्त- 1650 के आस-पास हुआ है मंदिर का स्थापना – पुरातत्व विभाग से ग्रामीणों ने 2014 में कराया सर्वे- राज्यस्तरीय विराट कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन- मेले में रामलीला का होगा आयोजनप्रतिनिधि, सबौर भागलपुर मुख्यालय से 15 किमी पूर्व सबौर प्रखंड के ममलखा गांव में मां काली […]

मां काली के दर्शन को दूर-दूर से पहुंचते हैं भक्त- 1650 के आस-पास हुआ है मंदिर का स्थापना – पुरातत्व विभाग से ग्रामीणों ने 2014 में कराया सर्वे- राज्यस्तरीय विराट कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन- मेले में रामलीला का होगा आयोजनप्रतिनिधि, सबौर भागलपुर मुख्यालय से 15 किमी पूर्व सबौर प्रखंड के ममलखा गांव में मां काली का दर्शन के लिए काली पूजा में लाखों की संख्या में भीड़ जुटती है़ ग्रामीणों ने बताया कि मां यहां विराजमान रहती है़ यह स्थान भक्तों के श्रद्धा व अस्था का केन्द्र है़ शक्ति पिंड की स्थापना को लेकर पुरातत्व विभाग से वर्ष 2014 में ग्रामीणों ने सर्वेक्षण करवाया था़ सर्वेक्षण में पुरातत्व विभाग ने बताया कि 1650 के आस-पास का यह मंदिर है. इसमें उपयोग होने वाले सामान से पता चलता है कि 350 वर्ष पूर्व इस मंदिर का स्थापना हुआ है़ ग्रामीण हरि प्रसाद यादव ने बताते हैं कि हमारे पूर्वज एक भक्त को सपना आया था कि गंगा किनारे मां काली का एक छत्तर गंगा से बहते हुए आ रहा है. यह तुम्हारे घर के आस-पास गंगा किनारे लग जायेगा. इसे उठाकर लाओ और इसे स्थापित करके पूजा अर्चना करो़ उसी समय से वहां पूजा अर्चना शुरू हुई. धीरे-धीरे यह जगह प्रचलित हो गयी. ग्रामीण मनोज मंडल ने बताया कि आज से 10 वर्ष पूर्व भैंसा और खस्सी की बलि दी जाती थी, लेकिन अब सिर्फ खस्सी की बलि हजारों की संख्या में पड़ती है़ मेला के प्रबंधक चंद्रशेखर यादव ने बताया कि मेला में 12 नवंबर को राज्य स्तरीय विराट कुश्ती प्रतियोगिता होगी, इसमें प्रथम पुरस्कार चार हजार एक रुपये, दूसरा पुरस्कार, तीसरा व सांत्वना पुरस्कार भी दिया जायेगा़ मेले में राम के जन्म से रावण वध तक रामलीला होगा़ 10 नवंबर को मध्य रात्रि मां काली का प्रतिमा स्थापित होगी. मेले में कमेटी के दिलीप मंडल, प्रपुन प्रताप यादव, सुमित कुमार, बबलू मंडल, मनोज मंडल, ब्रह्मदेव मंडल, कुलदीप मंडल व अन्य ग्रामीणों द्वारा सहयोग किया जाता है़

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