भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग के दो शिक्षकों पर छात्र-छात्राओं द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोप की दोबारा जांच गुरुवार को शुरू हुई.
विश्वविद्यालय की पांच सदस्यीय जांच टीम विभाग पहुंच कर छात्र-छात्राओं से पूछताछ की. छात्र-छात्राओं से कई प्रश्नों का जवाब लिखित रूप में लिया. दूसरी ओर आइसा कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया. आइसा की राज्य अध्यक्ष रिंकी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे गंभीर मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के बजाय कमेटियां बना कर मामले को दबाने का काम कर रहा है.
यह दोषियों को बचाने की साजिश है. उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए आइसा की लड़ाई जारी रहेगी. जांच टीम में प्रो रुखसाना नसर, डॉ पूनम पांडेय, डॉ अमिता मोइत्र, डॉ रत्ना मुखर्जी आदि थीं. विरोध करने में आइसा की ओर से रिंकी, मृत्युंजय, प्रवीण, अंबुज आनंद, सुमन, मनीषा आदि मौजूद थे.