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अंचलाधिकारी के तबादले की बाद खुली थी पोल

अंचलाधिकारी के तबादले की बाद खुली थी पोल प्रभात पड़ताल पीरपैंती अंचल में 12.5 लाख के हिसाब-किताब नहीं मिलने का मामला 13 मई को नये अंचलाधिकारी को नहीं दी गयी नकद राशि व नजारत की जिम्मेदारी सीआइ प्रभारी को छोड़ अंचल कार्यालय के अधिकांश कर्मचारियों का हो चुका है तबादलावरीय संवाददाता, भागलपुर पीरपैंती अंचल में […]

अंचलाधिकारी के तबादले की बाद खुली थी पोल प्रभात पड़ताल पीरपैंती अंचल में 12.5 लाख के हिसाब-किताब नहीं मिलने का मामला 13 मई को नये अंचलाधिकारी को नहीं दी गयी नकद राशि व नजारत की जिम्मेदारी सीआइ प्रभारी को छोड़ अंचल कार्यालय के अधिकांश कर्मचारियों का हो चुका है तबादलावरीय संवाददाता, भागलपुर पीरपैंती अंचल में जिस 12.5 लाख रुपये की राशि के हिसाब-किताब नहीं मिलने की जांच चल रही है, उस बात की पोल अंचलाधिकारी के तबादले के बाद खुली थी. चुनाव से पहले पीरपैंती के अंचलाधिकारी मनोज कुमार का तबादला हो गया और निर्मल चंद्र राय पीरपैंती के अंचलाधिकारी बने. 13 मई को नये अंचलाधिकारी निर्मल चंद्र राय ने अपना प्रभार ले लिया. मगर रोचक बात यह रही कि कैश रजिस्टर में बाढ़ आपदा को लेकर 12.5 लाख रुपये के बारे में कोई इंट्री नहीं होने पर उन्हें अंचल की नकद राशि व नजारत का जिम्मा नहीं दिया गया. जबकि नियमत: अंचलाधिकारी के कामकाज सहित प्रखंड के राजस्व की भी जिम्मेवारी अंचलाधिकारी की ही होता है. कुल मिलाकर उन्हें तत्काल अंचल में राजस्व से जुड़े काम को छोड़ अन्य कार्य करने के निर्देश दिये गये. अधिकांश कर्मियों का स्थानांतरणराज्य सरकार ने चुनाव से पहले अंचल कार्यालय में बड़े पैमाने पर तबादले किये थे. इन तबादलों में सीआइ प्रभारी सह कर्मचारी संतोष चौधरी को छोड़ अंचल के अधिकांश कर्मचारी को भी इधर-उधर किया गया. फिलहाल सीआइ प्रभारी से 12.5 लाख रुपये को लेकर ही पूछताछ की जा रही है. चुनाव के कारण जांच की कार्रवाई हो रही धीमी पीरपैंती अंचल में 12.5 लाख रुपये के कैश रजिस्टर में नहीं होने वाली इंट्री की जांच के निर्देश दिये गये. इसके लिए जिला प्रशासन ने जिला लेखा पदाधिकारी के नेतृत्व में टीम को अंचल के राजस्व की ऑडिट कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा. मगर उसके बाद चुनाव की घोषणा हो गयी और अंचल पर नामांकन व चुनावी कार्य की विभिन्न ड्यूटियां दे दी गयी, जिससे अंचल में जांच की कार्रवाई धीमी हो गयी. नतीजतन मई से लेकर अक्तूबर खत्म होने के बाद ही इसके ठोस नतीजे नहीं सामने आ सके हैं.

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