भागलपुर: तातारपुर थानाध्यक्ष संजय कुमार विश्वास अपने कार्यो को लेकर हमेशा से चर्चित रहे हैं. नवगछिया पदस्थापन के दौरान संजय ने गबन के एक महत्वपूर्ण सरकारी मामले में प्राथमिकी ही दर्ज नहीं की थी. इस मामले का खुलासा नवगछिया एसपी की जांच में हुआ था. 24 अगस्त 2013 को नवगछिया एसपी ने संजय विश्वास (नवगछिया के तत्कालीन थानाध्यक्ष) से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा था.
क्या है मामला . संजय विश्वास सात अगस्त 2006 से 17 अक्तूबर 2008 तक नवगछिया थानाध्यक्ष थे. इस दौरान 13 दिसंबर 2006 को भागलपुर के तत्कालीन सिविल सजर्न डॉ राम चरित्र मंडल ने नवगछिया पीएचसी के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बलराम प्रसाद सिंह के खिलाफ सरकारी राशि गबन से संबंधित प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए प्रतिवेदन थानाध्यक्ष को भेजा. इसका पत्रंक-6562/दिनांक 13 दिसंबर 2006 है. पांच साल बाद तीन नवंबर 2011 को भागलपुर के तत्कालीन सिविल सजर्न डॉ निरंजन मिश्र ने नवगछिया एसपी से उक्त प्राथमिकी के संबंध में प्रतिवेदन की मांग की. लेकिन पता चला कि तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय कुमार विश्वास ने उक्त मामले में कोई प्राथमिकी ही दर्ज नहीं की थी.
इस संबंध में नवगछिया के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने एसपी को अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें प्राथमिकी दर्ज नहीं होने का उल्लेख किया गया है. जबकि गबन का पूरा मामला हाईकोर्ट से संदर्भित था. नवगछिया एसपी ने इसे घोर लापरवाही बताया तथा मामले में संजय विश्वास से जवाब मांगा था. फिलहाल यह मामला लंबित है, क्योंकि संजय का तबादला नवगछिया से भागलपुर हो गया तथा वे वर्तमान में तातारपुर थानाध्यक्ष हैं.