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पिछले पांच वर्ष में आपराधिक वारदात करनेवालों की खंगाली जा रही कुंडली

अमित चौधरी भागलपुर : बढ़ते अपराध से निबटने के लिए पुलिस एक पंजी बनाने की तैयारी कर रही है जिसमें तैयार कर रही है जिसमें पिछले पांच सालों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों की सूची रहेगी. इस पंजी को ‘गुंडा पंजी’ का नाम दिया जायेगा. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आइजी के आदेश […]

अमित चौधरी
भागलपुर : बढ़ते अपराध से निबटने के लिए पुलिस एक पंजी बनाने की तैयारी कर रही है जिसमें तैयार कर रही है जिसमें पिछले पांच सालों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों की सूची रहेगी.
इस पंजी को ‘गुंडा पंजी’ का नाम दिया जायेगा. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आइजी के आदेश पर एसएसपी ने सभी थाना अध्यक्षों को गुंडा पंजी तैयार करने का निर्देश दिया है. इस पंजी में डकैती, लूट, सांप्रदायिक कांड, विधि व्यवस्था को तोड़ने, विस्फोटक रखने, आर्म्स एक्ट और छेड़खानी जैसी वारदात में संलिप्त रहे अपराधियों को शामिल किया जायेगा. इन अपराधियों की लिस्ट थाने से तैयार होकर एसएसपी और आइजी तक जायेगी.
भराया जायेगा बांड : गुंडा पंजी तैयार हो जाने के बाद उसमें शामिल अपराधियों को 107 के तह पहले नोटिस भेजा जायेगा और उन्हें सीआरपीसी की धारा 116 के तहत बांड भराया जायेगा.
बांड में उस अपराधी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बांड भराया जायेगा. अगर कोई अपराधी अपने बांड में 50 हजार या एक लाख रुपये भरता है तो बांड टूटने पर उसके बांड में भरी संपत्ति जब्त कर ली जायेगी. साथ ही बांड तोड़ने वाले के खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया जायेगा और उसे कम से कम 6 महीने के लिए जेल भेजा जायेगा.
गुंडा पंजी नाम क्यों
गुंडा पंजी बनाने का प्रावधान बिहार पुलिस मैनुअल की धारा 1315 और 1316 में वर्णित है. इन धाराओं में कहा गया है कि पुलिस विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों के नामों का एक रजिस्टर तैयार किया जायेगा जिसे गुंडा पंजी कहा जायेगा. जिन आपराधिक वारदात के नाम बताये गये हैं उनमें डकैती, लूट, सांप्रदायिक कांड, विधि व्यवस्था को तोड़ने, विस्फोटक रखने, आर्म्स एक्ट और छेड़खानी आदि शामिल हैं. उस खास सूची को गुंडा पंजी नाम दिया गया है.
गुंडा पंजी बनाने से क्या होगा फायदा
राज्य में सितंबर से नवंबर के बीच चुनाव होना है. यह त्योहारों का महीना भी होता है. ऐसी स्थिति में सितंबर से नवंबर के दौरान शांति बनाये रखना एक चुनौती होगी. गुंडा पंजी तैयार हो जाने के बाद पुलिस को इन अपराधियों पर नजर रखने में आसानी होगी. अगर इस दौरान कोई अपराधी किसी वारदात में शामिल पाया जाता है तो उसे छह माह के लिए जेल भेज दिया जायेगा.
एक हजार से ज्यादा अपराधियों की सूची
पुलिस द्वारा तैयार की जा री गुंडा पंजी में जिले के एक हजार से ज्यादा अपराधियों नाम शामिल रहने की संभावना है. पुलिस अधिकारी की मानें तो पिछले पांच साल में आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों की संख्या एक हजार से कम नहीं होगी.

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