भागलपुर: बार-बार जहां विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार, घोटाला और अनियमितता का आरोप लगता रहा है, वहीं इस बार तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने सबौर कॉलेज में व्यापक पैमाने पर अनियमितता व घोटाला उजागर किया है.
विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्राप्त शिकायतों के आधार पर दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर कॉलेज में जांच करायी. जांच के बाद कमेटी द्वारा जो रिपोर्ट सौंपी गयी है, वह चौंकानेवाली है. कॉलेज के विभिन्न प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की खरीद में भी व्यापक गड़बड़ी मिली है.
कॉलेज ने विभागाध्यक्षों की अनुशंसा सूची के मुताबिक ही उपकरणों की खरीद की है, लेकिन सभी विभागों में एक ही फर्म द्वारा उपकरणों की सप्लाई की गयी. केवल जीव विज्ञान विभाग में उपकरणों की खरीद नहीं की गयी है. खास बात यह कि किसी भी मानक फर्म से खरीद नहीं की गयी और उपकरणों का स्तर भी काफी निमA पाया गया. यूजीसी फंड से गल्र्स हॉस्टल के निर्माण में रिश्वतखोरी का आरोप साक्ष्य के अभाव में जांच समिति प्रमाणित नहीं कर पायी.