निष्कर्ष यह निकला कि लिव इन रिलेशनशिप समकालीन समाज का उमड़ता हुआ सच है, लेकिन इस संबंध में भारतीय संस्कृति की रक्षा जरूरी है. पहले और दूसरे सत्र में 49 शोधार्थियों ने विचार व्यक्त किये. समापन समारोह में टीएमबीयू के दर्शनशास्त्र विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष प्रो पीएन मंडल ने कहा कि विश्व के अन्य जगहों की तरह भारत के भी लोगों की जीवनशैली में विकास व परिवर्तन हो रहे हैं. इस कारण लिव इन रिलेशनशिप जैसी धारणा पनप रही है. स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग के अध्यक्ष डॉ विजय कुमार ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति में अर्थ व काम को प्रमुखता दी गयी है. विकास के इस दौर में पाश्चात्य संस्कृति का रचना बसना स्वाभाविक है. बावजूद इसके हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी होगी.
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लिव इन में संस्कृति की हो रक्षा
भागलपुर: महादेव सिंह कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मंगलवार को संपन्न हो गया. सेमिनार का विषय लिव इन रिलेशनशिप : भारत में आधुनिक विकास व चुनौतियां था. दो दिनों में इस विषय के पक्ष में कुछ विद्वानों ने विचार व्यक्त किया, तो कई विद्वानों ने इस संबंध को सिरे से खारिज कर दिया. […]
भागलपुर: महादेव सिंह कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मंगलवार को संपन्न हो गया. सेमिनार का विषय लिव इन रिलेशनशिप : भारत में आधुनिक विकास व चुनौतियां था. दो दिनों में इस विषय के पक्ष में कुछ विद्वानों ने विचार व्यक्त किया, तो कई विद्वानों ने इस संबंध को सिरे से खारिज कर दिया.
समय की मांग है लिव इन रिलेशनशिप
कॉलेज के प्राचार्य डॉ केडी प्रभात ने लिव इन रिलेशनशिप को समय की मांग बताया. उन्होंने कहा कि जब समाज में परिवर्तन होता है, तो परिवर्तन स्वाभाविक है. विवाह एक आदर्श संस्था है, लेकिन लिव इन रिलेशनशिप को भी वैकल्पिक व्यवस्था के समकक्ष बनाने की जरूरत है.धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ राधा मोहन पांडेय ने किया. अतिथियों का स्वागत डॉ प्रभाकर प्रसाद सिंह ने किया. मौके पर डॉ विभु कुमार राय, डॉ भिखारी कुंवर, डॉ अभय कुमार पांडेय, डॉ सीपी आजाद, डॉ अनिल कुमार सिंह, मनोज कुमार आदि मौजूद थे.
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