फोटो- आशुतोष रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी में कौन फेंक रहा है सरकारी एक्सपायरी दवा अस्पताल में मरीज को लाना पड़ता है बाहर से खरीद कर दवा प्रतिनिधि, सबौरसरकारी अस्पताल में एक ओर जहां रोगियों को बाहर से दवा खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है. वहीं अस्पताल में हर साल बड़ी मात्रा में दवाएं एक्सपायर होना आम बात हो गयी है. अस्पताल प्रबंधन इस एक्सपायरी दवा को चोरी छिपे कहीं भी फेंक या जला कर अपनी नाकामी छिपा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो सबौर रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी में भी अक्सर दवा फेंकी हुई मिलती है. गुरुवार को रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी से ऐसी ही एक दवा जेनसिन 10 मिली का वाइल फेंका हुआ था. इस पर बैच नंबर ओसी – 378 एलजी लिखा हुआ है. इसका मैन्युफैक्चर तिथि मार्च 2013 और एक्सपाइरी तिथि फरवरी 2015 लिखा हुआ है. आखिर कहां से और किसने यह दवा यहां फेंकी , यह जांच का विषय हो सकता है. लोगों ने बताया कि यहां मंगलवार तक बड़ी मात्रा में दवा फेंकी हुई थीं. लेकिन प्रेस को इसकी भनक ना लगे इसलिए बुधवार को ही एक आदमी उसे समेट कर ले गया.
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नहीं थम रहा है एक्सपायरी दवा फेंकने का सिलसिला
फोटो- आशुतोष रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी में कौन फेंक रहा है सरकारी एक्सपायरी दवा अस्पताल में मरीज को लाना पड़ता है बाहर से खरीद कर दवा प्रतिनिधि, सबौरसरकारी अस्पताल में एक ओर जहां रोगियों को बाहर से दवा खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है. वहीं अस्पताल में हर साल बड़ी मात्रा में दवाएं […]
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