भागलपुर: विद्युत कामगार पदाधिकारी अभियंता संयुक्त संघर्ष मोरचा के राज्य स्तरीय प्रदर्शन व रैली के दौरान पटना में पुलिस प्रशासन की ओर से शक्ति प्रयोग करने की सूचना मिलते ही भागलपुर में अधिकारी, कर्मचारी, इंजीनियर व ऑपरेटर शुक्रवार शाम पांच बजे खुद को ड्यूटी से अलग कर लिया. परिणाम सबौर ग्रिड से विद्युत उपकेंद्र में बिजली पहुंच कर भी शहर में आपूर्ति नहीं हो सकी. पूरे शहर में ब्लैक आउट हो गया.
यूनियन पदाधिकारियों व बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के बीच सफल वार्ता के बाद देर रात गिरफ्तार आंदोलकारियों को छोड़े जाने पर अस्थायी रूप से हड़ताल समाप्त किया गया, लेकिन इसकी सूचना रात के 12 बजे तक भी भागलपुर के अधिकारियों व ऑपरेटरों तक नहीं पहुंची और शहर ब्लैक आउट पर ही रहा. लगभग सात घंटे (रात 12 बजे तक) ब्लैक आउट रहने के कारण लोगों के बीच त्रहिमाम मच गयी. लोग व्याकुल हो गये. बिना बिजली के जिंदगी ठहर- सी गयी. लोगों में पानी को लेकर मारामारी होने लगी. पूरा शहर जेनरेटर पर आश्रित हो गया. इसके बाद भी बिजली की भरपाई नहीं हो सकी. लोग अधिकारियों को फोन कर स्थिति जानने के लिए कॉल करना शुरू कर दिये. बिजली संकट ङोल रहे शहरवासी बारी-बारी से विद्युत सब स्टेशन पहुंचना शुरू दिये, इसके बाद भी लोगों को बिजली नहीं मिल सकी.
पूरा शहर अंधेरे में डूबे रहने से लोगों का सड़कों पर निकलना मुश्किल हो गया. अक्सर देर रात तक बाहर रहने वाले ब्लैक आउट के कारण पहले घर लौट गये. दूसरी ओर ऊमस भरी गरमी के कारण लोगों को घरों में भी बेचैनी का सामना करना पड़ा. कुल मिला कर स्थिति भयावह हो गयी थी. इससे पहले भी दिन में बिजली कटौती के कारण लोगों की दिनचर्या गड़बड़ा गयी थी.
आपूर्ति 35-40 मेगावाट से ज्यादा नहीं हो सकी. केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिना बिजली की कटौती के राज्य से भागलपुर के लिए आवंटन में कटौती कर दिया गया था. शहर को तीन घंटे पर आधा घंटा से अधिक बिजली नहीं मिल रही थी.इस कारण शहर की एक बड़ी आबादी दामिनी प्रकरण में दोषियों को सजा सुनाने की समाचार चैनल पर देख नहीं सके. शुक्रवार शहरवासियों के लिए बिजली मामले में ब्लैक डे साबित हुआ.