अबतक स्कूल माध्यमिक व उच्च माध्यमिक लेवल पर ही मानक का ख्याल रखते थे, लेकिन अब माध्यमिक, प्राथमिक व प्री-स्कूल में भी इसका ध्यान रखना होगा. नयी बहाली भी मानक के अनुसार होगी. कक्षा नौवीं व 10 वीं के लिए बीएड व 11 वीं व 12 वीं के लिए पीजी के साथ बीएड आवश्यक का नियम कमोबेश हर स्कूल में लागू है, लेकिन नीचे की कक्षाओं में कई स्कूलों में नियमों का अनुपालन नहीं होता. निर्धारित मानदंड बोर्ड ने स्कूलों को भेज दिया है. अब स्कूलों को अपने शिक्षकों व उनकी योग्यता बोर्ड को भेजनी है.
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अयोग्य शिक्षकों के लिए जगह नहीं
भागलपुर: सीबीएसइ स्कूलों में अयोग्य शिक्षकों के लिए अब कोई जगह नहीं है. निर्धारित योग्यता वाले ही शिक्षकों को नौकरी पर रखा जायेगा. इसमें न तो स्कूलों की मनमानी चलेगी, न ही किसी तरह की पैरवी. बोर्ड ने प्री-स्कूल से लेकर 12 वीं तक के शिक्षकों की योग्यता का मानदंड निर्धारित कर दिया है. अबतक […]
भागलपुर: सीबीएसइ स्कूलों में अयोग्य शिक्षकों के लिए अब कोई जगह नहीं है. निर्धारित योग्यता वाले ही शिक्षकों को नौकरी पर रखा जायेगा. इसमें न तो स्कूलों की मनमानी चलेगी, न ही किसी तरह की पैरवी. बोर्ड ने प्री-स्कूल से लेकर 12 वीं तक के शिक्षकों की योग्यता का मानदंड निर्धारित कर दिया है.
भविष्य में वेतन का भी होगा निर्धारण
योग्यता निर्धारित होने के बाद शिक्षकों के वेतन का भी मानक तय हो सकता है. बोर्ड सूत्रों के अनुसार भविष्य में योग्यता के अनुसार शिक्षकों का वेतन निर्धारित किया जायेगा और स्कूलों को इसका पालन करना होगा. शहर के विभिन्न स्कूलों में अभी प्राइमरी, मिडिल, सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी के शिक्षकों के वेतन में काफी अंतर है. मानक निर्धारित होने से निजी स्कूलों को भी न्यूनतम वेतन देना होगा.
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