सबौर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय में भी बाढ़ का असर दिखने लगा है निचले क्षेत्र में जल जमाव जारी है. टिश्यु कल्चर से निकला केले का प्लांटिक मटेरियल जो पौली हाउस में था उसमें बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
हालांकि वैज्ञानिकों ने प्लांटिक मटेरियल को वहां से हटा लिया है जिस कारण कोई नुकसान नहीं हुआ है. उधर फार्म के निचले इलाके में रिसर्च हेतु लगाया गया धान में अत्यधिक पानी हो गया है.
अब तक कहीं विश्वविद्यालय में नुकसान की खबर नहीं है. विश्वविद्यालय के फार्म इंचार्ज जीएस पवार कहते हैं कि फार्म के निचले क्षेत्र में बाढ़ का पानी है. जो धान के फसल में है इससे अब तक कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन पानी की रफ्तार बढ़ते गया तो प्रभावित हो सकता है.