भागलपुर: जेएलएनएमसीएच में उस वक्त हंगामा शुरू हो गया जब मेट्रॉन कार्यालय में नर्सो को हाजिरी बनाने से रोक दिया गया. नर्सो का आरोप था कि वे लोग आठ से साढ़े आठ बजे रोज हस्ताक्षर करती हैं पर मंगलवार को मेट्रॉन कार्यालय में मौजूद साहा सिस्टर ने हस्ताक्षर करने से उन लोगों को मना कर दिया. इसके बाद वे लोग उग्र हो गयी. नर्सो ने अधीक्षक कार्यालय के पास धरना-प्रदर्शन किया.
नर्स अधीक्षक को बुलाने की मांग करने लगी. इसी बीच बिहार अराजपत्रित जन स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री अनुपम द्विवेदी भी आ गये. इमरजेंसी के प्रभारी डॉ सुरेश प्रसाद ने नर्सो को अधीक्षक से बात करने की सलाह दी. नर्सो व संगठन के लोगों ने अधीक्षक डॉ विनोद प्रसाद से बातचीत की, जिसके बाद साढ़े बारह बजे सभी नर्से अपने काम पर वापस लौटी. जिस वक्त जेएलएनएमसीएच की नर्से हंगामा कर रही थी ठीक दस बजे जब अधीक्षक डॉ विनोद प्रसाद कार्यालय स्थित अपने कक्ष जाने लगे तो नर्सो ने उन्हें घेर लिया. नर्सो का कहना था कि वे वहां रुक कर उनकी बातों को सुनें और मांगों को पूरा करने की बात कहें.
इस बीच नर्सो ने अधीक्षक व मेट्रॉन के विरोध में नारे भी लगाये. इधर नर्सो ने हड़ताल की, उधर अस्पताल में भरती मरीजों की स्थिति खराब होने लगी थी. किसी का स्लाइन सेट काम नहीं कर रहा था तो किसी को यूरिन बैग लगवाना था तो किसी को समय पर इंजेक्शन पड़ना था. पर यह सब उस वक्त बाधित हो गया जब नर्सो ने हड़ताल कर दिया.
परिजनों व कई चिकित्सकों को भी मालूम नहीं था कि नर्सो ने हड़ताल कर दिया है. हड़ताल का असर आउटडोर भी पड़ा. वहां मरीजों को काफी देर तक लाइन में लग कर परचा लेना पड़ा. ओपीडी में दैनिक मानदेय पर कार्यरत कर्मियों व स्टाफ नर्स ने सभी मरीजों को परचा दिया.