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150 साल पुराना था गुदड़ी बाजार

वार्ड पांच में था गुदड़ी बाजार -अब नाम मात्र का रह गया है बाजार संवाददाता, भागलपुर1989 में भागलपुर में हुई अप्रिय घटना में नाथनगर का मुख्य गुदड़ी बाजार उजड़ गया. इस बाजार में दैनिक जरूरतों की सभी वस्तुएं कपड़ा, श्रृंगार, अनाज, मांस-मछली, मिठाई आदि मिलते थे. यहां अब वीरानी छायी रहती है. अब भी गुदड़ी […]

वार्ड पांच में था गुदड़ी बाजार -अब नाम मात्र का रह गया है बाजार संवाददाता, भागलपुर1989 में भागलपुर में हुई अप्रिय घटना में नाथनगर का मुख्य गुदड़ी बाजार उजड़ गया. इस बाजार में दैनिक जरूरतों की सभी वस्तुएं कपड़ा, श्रृंगार, अनाज, मांस-मछली, मिठाई आदि मिलते थे. यहां अब वीरानी छायी रहती है. अब भी गुदड़ी बाजार के पुराने व टूटे-उजड़े शेड बचे हैं, जिसमें छोटे-मोटे कारोबारी सुविधा के अभाव में दिन काट रहे हैं. इतना ही नहीं रहवर के अभाव में यह परिसर जुआ का अड्डा बन गया है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां पर क्षेत्र के जमींदार महाशय तारक नाथ घोष ने 150 वर्ष पहले इस बाजार को बसाया था, ताकि क्षेत्र के लोगों को हरेक प्रकार की सामग्री की खरीद-बिक्री में सुविधा हो. साथ ही इस बाजार से आने वाली आमदनी को महाशय ड्योढ़ी दुर्गा स्थान में लगाया जाता था, जिससे लोगों के धार्मिक कार्य में भी सहयोग होता था. नाथनगर शहरी क्षेत्र के चंपानगर, मसकन, मुर्गियाचक, कसबा, नरगा, मोहनपुर, साहेबगंज, मारवाड़ी पट्टी, मनककामना नाथ चौक, केवी लाल रोड समेत अजमेरीपुर, श्रीरामपुर, रन्नुचक, मकंदपुर, शाहपुर, पुरानी सराय, रामपुर, बादरपुर, नूरपुर, राघोपुर, मधुसूदनपुर, मनोहरपुर ग्रामीण क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव के हजारों लोग जुड़े थे.

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