वहीं रेल व पुलिस प्रशासन का कहना है कि उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं थी. बता दें कि आरएसएस प्रमुख को भारत सरकार की ओर से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. वह आतंकी और अलगाववादी संगठनों के निशाने पर हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि आरएसएस प्रमुख के कार्यक्रम में फेरबदल गृह मंत्रलय के स्तर से हुआ है. दूसरी ओर जानकार सूत्रों का कहना है कि खुफिया विभाग ने आरएसएस प्रमुख की यात्र को लेकर कुछ अलर्ट जारी किया था, पर इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा.
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अंतिम समय बदल दी गयी भागवत की ट्रेन
भागलपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ट्रेन अंतिम समय में बदल दी गयी. उनको विक्रमशिला एक्सप्रेस से जाना था. इसको लेकर पुलिस व रेल प्रशासन की तैयारी हो चुकी थी. आरएसएस प्रमुख के लौटने की सूचना पहले से सबको थी. टिकट बन चुका था. स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे. कार्यकर्ता भी स्टेशन पहुंच चुके थे. […]
भागलपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ट्रेन अंतिम समय में बदल दी गयी. उनको विक्रमशिला एक्सप्रेस से जाना था. इसको लेकर पुलिस व रेल प्रशासन की तैयारी हो चुकी थी. आरएसएस प्रमुख के लौटने की सूचना पहले से सबको थी.
टिकट बन चुका था. स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे. कार्यकर्ता भी स्टेशन पहुंच चुके थे. विक्रमशिला एक्सप्रेस का समय 11.15 है. पर अचानक संघ की ओर से रेल, जिला व पुलिस प्रशासन को सूचना दी गयी कि श्री भागवत विक्रमशिला एक्सप्रेस से नहीं, अपराह्न् 1.05 बजे अजमेर शरीफ एक्सप्रेस से जायेंगे. इस सूचना पर कुछ देर के लिए असमंजस की स्थिति बन गयी. फिर नये सिरे से जिला, पुलिस व रेल प्रशासन ने अपनी व्यवस्था की. इस संबंध में संघ की ओर से कहा गया कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया है.
एसएसपी विवेक कुमार से सीधी बात
हमलोगों के स्तर से इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. उन्हें किस ट्रेन से जाना था, यह उनके संगठन के स्तर से तय किया गया था. इसमें हमलोगों की कोई भूमिका नहीं है. कोई अलर्ट खुफिया विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया था. वैसे मोहन भागवत को हाई सिक्यूरिटी उपलब्ध करायी गयी थी. उनके साथ जेड प्लस श्रेणी है.
विवेक कुमार, एसएसपी
आनन-फानन में कटाया गया टिकट
आनन-फानन में ट्रेन के साथ-साथ उनके रूट को भी बदलाना पड़ा. आरएसएस प्रमुख को सभा कर लौटने की योजना विक्रमशिला एक्सप्रेस से बनी थी, जो दिल्ली तक के लिए था. लेकिन, जैसे ही अलर्ट जारी हुआ, वैसे ही दूसरी ट्रेन अजमेरशरीफ से लौटने की योजना बनी. यही कारण है कि उनका टिकट (आरएसी) अजमेर शरीफ में आनन-फानन में कटाया गया और इसे कनफर्मकराया गया था.
अलर्ट जारी होने पर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने घेर कर रखा
खुफिया विभाग से अलर्ट जारी होने पर जैसे ही मोहन भागवत भागलपुर स्टेशन पहुंचे, वहां आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने उन्हें घेर लिया और कड़ी सुरक्षा में उन्हें अतिविशिष्ट कक्ष ले जाया गया. ट्रेन खुलने तक आरपीएफ और जीआरपी जवानों ने अपने घेरे में रखा.
पढ़ाया समानता का पाठ, कराया कर्तव्य का बोध
तीन दिनों तक समानता का पाठ पढ़ाने व स्वयंसेवकों को कर्तव्य बोध कराने के बाद गुरुवार को सरसंघ चालक मोहन भागवत कार्यकर्ताओं में जोश भर कर चले गये. तीन दिनों के प्रवास में श्री भागवत ने बाल स्वयंसेवक व शाखा विस्तार पर जोर दिया. उनका मुख्य फोकस संगठन के विस्तार, आपसी समानता व समाज में और अधिक पैठ बढ़ाने पर रहा. उनका कहना था कि बाल स्वयंसेवकों के निर्माण से शाखा का भी विस्तार होगा और समाज को भी नयी दिशा दे मिलेगी. श्री भागवत का कहना था कि एक स्वयंसेवक अपने आप में एक शाखा है. सामाजिक समानता पर भी जोर देते हुए हिंदू जीवन व हिंदू दर्शन की अवधारणा को पूरी तरह अपनाने को कहा.
आलू की मनाही, पर खाया : अपने प्रवास के दौरान सरसंघ चालक श्री भागवत ने अपने जीवनशैली व कर्म से समानता का कई उदाहरण प्रस्तुत किया. बता दें कि स्वास्थ्य कारणों से उन्हें आलू खाना मना है, पर बुधवार के भोजन में जब सिर्फ उनकी थाली में हरी सब्जी दी गयी, तो उन्होंने मना कर दिया और सबों के साथ आलू की सब्जी खायी. उन्होंने कहा कि समानता तभी आयेगी जब एकरूपता होगी. समाज में पैठबढ़ाने व मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं से कहा कि खुद के चरित्र को दृढ़ करें. चरित्र निर्माण से ही समाज व राष्ट्र का निर्माण होगा. तीन दिनों तक कार्यकर्ताओं में जोश भरने के बाद फिर भागलपुर आने का वादा कर यहां से निकले.
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