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व्यंजन से लेकर पूजा-पाठ पर डॉलर का असर

भागलपुर: लजीज व्यंजन से लेकर पूजा- पाठ पर डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी का असर पड़ गया है. लजीज व्यंजन के लिए अब अधिक खर्च करना पड़ेगा. पूजन सामग्री भी महंगी होगी. विदेश से आनेवाले मसाले और कई पूजन सामग्री पर रुपये की कमजोरी का असर दिखने लगा है. पिछले एक पखवारे में […]

भागलपुर: लजीज व्यंजन से लेकर पूजा- पाठ पर डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी का असर पड़ गया है. लजीज व्यंजन के लिए अब अधिक खर्च करना पड़ेगा. पूजन सामग्री भी महंगी होगी. विदेश से आनेवाले मसाले और कई पूजन सामग्री पर रुपये की कमजोरी का असर दिखने लगा है. पिछले एक पखवारे में कई सामग्रियों के मूल्य में 15 से लेकर 200 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि हुई है.

अब त्योहार का मौसम शुरू होने वाला है. अगले सप्ताह कृष्ण जन्माष्टमी है. उसके बाद तीज और जीतिया आनेवाला है. अक्तूबर में नवरात्र शुरू हो जायेगा. दुर्गापूजा के बाद दीपावली और छठ है. इसमें व्यंजन बनते हैं. व्यंजन को लजीज बनाने वाले कई मसाले विदेशों से आते हैं. विदेश से आनेवाले मसाले रुपये के कमजोर होने के कारण महंगे हो गये हैं.

पिछले एक पखवारे के भीतर कई मसालों की कीमत में तेजी आयी है. खासकर गरम मसाला के दाम में वृद्धि हुई है. मरीच, लौंग, दालचीनी बड़ी मात्र में श्रीलंका से आता है. सुपाड़ी इंडोनेशिया से आता है. अमेरिकन बादाम 200 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो गया है. धूमना थाईलैंड व सिंगापुर से से आता है. ये सब मसाले अपने देश में भी होते हैं लेकिन भारी मांग को देखते हुए आयात भी किये जाते हैं. लौंग, सुपाड़ी और धूमना का प्रयोग पूजा पाठ में होता है. लौंग का उपयोग मसाला के रूप में भी होता है. रिफाइन की कीमत में भी वृद्धि हुई है. किराना व्यवसायी हंसराज जैन कहते हैं कि 15-20 दिन के भीतर कीमत में बढ़ोतरी हुई है. त्योहार के मौसम में गरम मसाले की खपत बढ़ जाती है.

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