भागलपुर: आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में तीन दिवसीय आचार्य सम्मेलन का गुरुवार को उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप जला कर विद्या भारती के संगठन मंत्री दिवाकर घोष, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक रामनवमी, डॉ रामा कांत राय व अतुल कुमार ढांढनियां ने किया. मौके पर श्री रामनवमी ने कहा कि अच्छी शिक्षा से छात्रों का चारित्रिक विकास होता है. शिक्षा के माध्यम से शरीर, मन, बुद्धि व आत्मा का विकास होता है. श्री घोष ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में विद्या भारती का कार्य सराहनीय है.
व्यक्तित्व का समग्र विकास करना ही विद्या भारती का लक्ष्य है. संगठन के प्रदेश सचिव श्री डॉ राय ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आचार्य का महत्वपूर्ण स्थान है. आचार्य अपने काम के प्रति सजग रहे. वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में नयी-नयी चुनौतियां सामने आ रही है. इन चुनौतियों से लड़ कर ही लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. छात्रों के साथ दोस्ताना माहौल कायम करे. कार्यक्रम में बांका व भागलपुर सरस्वती शिशु मंदिर के लगभग 500 आचार्य ने भाग लिया.
मौके पर प्रकाश जायसवाल, आराधना पांडे, डॉ धीरेंद्र झा, अमरनाथ प्रसाद, रवि शंकर पांडे, हेमकांत झा, अशोक कुमार, ममता झा, ब्रह्नादेव प्रसाद, संजीव झा, प्रभाष मिश्र, अंशुमन साह आदि उपस्थित थे. इससे पहले स्कूल की छात्र प्रिया, रीतिका ने गणोश वंदना प्रस्तुत किया. आगत अतिथियों का स्वागत स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार मिश्र ने किया.