नवगछिया: सूत्र बता रहे हैं कि अपराधियों की मंशा थी कि मोटरसाइकिल से जा रहे कौशल कुमर और अमित कुमार उर्फ बमबम को बोलेरो से ही धक्का मार कर मौत के घाट उतार दिया जाये. लेकिन, बोलेरो का चालक इसमें सफल नहीं हो पाया. मोटरसाइकिल को धक्का मारते ही बोलेरो असंतुलित होकर गड्ढे में चला गया और कौशल व बमबम सड़क पर गिरे पड़े. इसके बाद बोलेरो से उतर कर अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी. घटना को अंजाम देकर अपराधी तेलघी बहियार की ओर भाग गये. सूत्र बताते हैं कि अपराधी दोनों की हत्या कर सड़क दुर्घटना का शक्ल देने की फिराक में थे.
बोलेरो मालिक की संलिप्तता का पता लगा रही पुलिस
घटना में प्रयुक्त बोलेरो के मालिक धनवाद निवासी गोपाल शर्मा की घटना में संलिप्तता है या नहीं, पुलिस इसकी जांच कर रही है. गोपाल शर्मा भागलपुर में रहता है.
सोनवर्षा का ही लाली है मास्टरमाइंड : पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि कौशल कुमर की हत्या मामले में नामजदों में से एक सोनवर्षा निवासी लाली रिंकु कुमर गिरोह का मास्टरमाइंड है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार नवगछिया कोर्ट से लौटने के दौरान कौशल की मोटरसाइकिल के पीेछे दूसरी मोटरसाइकिल पर कौशल कुमर का भतीजा श्रवण कुमार भी चल रहा था. श्रवण इस कांड का चश्मदीद है. प्राथमिकी में दो सफेदपोश सोनवर्षा निवासी लाली कुमर और बिहपुर के पूर्व प्रखंड प्रमुख अभिनंदन चौधरी के पुत्र विद्यापति चौधरी को भी नामजद किया गया है.
पिछले वर्ष पूर्व प्रमुख व कौशल के परिवार में हुआ था विवाद
पिछले वर्ष पूर्व प्रमुख अभिनंदन चौधरी और मृतक के भाइयों के बीच जलकर विवाद हुआ था. उस वक्त भी माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था. मोस्ट वांटेड दिलखुश की हत्या के बाद लड़ाई ने टर्न ले लिया और जलकर विवाद घात-प्रतिघात की लड़ाई बन गयी. त्रिकोणीय संघर्ष दो पक्षीय हो गया.
कौशल के परिवार से रिंकू की है पुरानी रंजिश : सूत्रों का कहना है कि सोनवर्षा के मोस्ट वांटेड रिंकु ने अपने साथी दिलुखश की हत्या का बदला लेने की कसम खायी थी. अपराधी दिलुखश की हत्या बीते वर्ष जून में सोनवर्षा में ही कर दी गयी थी. घटना वाली रात कौशल के बड़े भाई सुधीर को दिलखुश ने गोली मार कर जख्मी कर दिया था. दूसरे पक्ष की गोली से दिलखुश मारा गया था. शातिर अपराधी रिंकु व कौशल के परिवार में पुरानी रंजिश है.
कहते हैं एसपी
नवगछिया एसपी शेखर कुमार ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है. प्राथमिकी में दर्ज नामों की घटना में संलिप्तता का पता लगाया जा रहा है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि बोलेरो किस परिस्थिति में अपराधियों के पास आया.