पिछले साल के मुकाबले इस बार मैट्रिक परीक्षार्थियों की संख्या में 10 हजार की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इनके लिए सरकारी शिक्षण संस्थान नहीं बढ़े हैं. यही नहीं, कॉलेजों में न तो सभी विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है और न ही सीट व बुनियादी सुविधाओं की बढ़ोतरी हुई. प्लस टू स्कूलों में अधिकतर विषयों के शिक्षक के पद खाली पड़े हैं.
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नहीं मिले संस्थान, तो पलायन कर जायेंगे 10,000 छात्र
भागलपुर: भागलपुर के स्कूलों व कॉलेजों के पास लगभग 38,000 छात्रों का नामांकन लेने की क्षमता है, लेकिन इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में 48 हजार छात्र भाग लेंगे. इनमें सभी छात्र उत्तीर्ण हो गये, तो 11वीं कक्षा में नामांकन करानेवाले 10 हजार छात्र पलायन कर सकते हैं. अगर 10 हजार छात्र फेल कर गये, तो […]
भागलपुर: भागलपुर के स्कूलों व कॉलेजों के पास लगभग 38,000 छात्रों का नामांकन लेने की क्षमता है, लेकिन इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में 48 हजार छात्र भाग लेंगे. इनमें सभी छात्र उत्तीर्ण हो गये, तो 11वीं कक्षा में नामांकन करानेवाले 10 हजार छात्र पलायन कर सकते हैं. अगर 10 हजार छात्र फेल कर गये, तो अन्य सभी छात्रों का नामांकन संभव है.
स्कूलों से अधिक कॉलेजों पर जोर
जिले के कमोबेश सभी प्लस टू स्कूल में सभी विषयों के शिक्षक नहीं हैं, इससे छात्र कॉलेजों में नामांकन के लिए भागते हैं. कॉलेजों में छात्रों की सीट की बढ़ोतरी नहीं की जा सकी है. वर्तमान स्थिति को देख सीट में बढ़ोतरी की संभावना भी नहीं है.
कॉलेजों पर बढ़ चुके हैं पीजी के भार
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के भागलपुर स्थित तीन बड़े अंगीभूत संस्थानों टीएनबी कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज व एसएम कॉलेज में वर्ष 2014 में पीजी की पढ़ाई शुरू कर दी गयी है. एक तो यहां नामांकित छात्रों के मुकाबले शिक्षकों की संख्या कम है और दूसरी पीजी पढ़ाई के कारण शिक्षकों के ऊपर अतिरिक्त दबाव बन गया है. उल्लेखनीय है कि उक्त तीनों कॉलेजों में नामांकन के लिए छात्रों का काफी दबाव रहता है.
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