भागलपुर: फैशन की दुनिया अब बड़े लोगों तक ही सीमित नहीं रह गयी है. आम आदमी की पहुंच भी वहां तक हो गयी है. यही कारण है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग से इतर भी आम युवाओं का रुझान फैशन, प्रबंधन सहित अन्य गैर परंपरागत क्षेत्रों की तरफ बढ़ा है. भागलपुर नये एजुकेशनल हब के रूप में विकसित हो रहा है. यहां सिर्फ मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने के लिए ही नहीं बल्कि फैशन के क्षेत्र में नाम करने के लिए युवाओं की टोली लगी है. भागलपुर में पढ़े 400 से अधिक छात्र फैशन की दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं.
सबसे सुखद बात यह है कि वे फैशन में यहां की सिल्क और परंपरागत लोक कला मंजूषा को आधार बना रहे हैं. कोई आश्चर्य नहीं होगा जब आनेवाले समय में फैशन की दुनिया में भागलपुर गैलरी से भागलपुर की पहचान बन जाये. अपनी सभ्यता व परंपरा को संजोना भी एक फैशन ही है. फैशन फिर पुराने व परंपरागत चीजों की तरफ लौट रहा है. इसमें कपड़ा से लेकर जेवरात व घर तक शामिल है. पिछले एक दशक में फैशन की दुनिया में भागलपुर एक नयी पहचान बन कर उभरा है.
इसका कारण है कि यहां से पढ़े छात्र बड़ी संख्या में निफ्ट में गये, भागलपुर का नाम रौशन किया. इनको निफ्ट तक पहुंचाने में जेएस एडुकेशन के निदेशक राजीवकांत मिश्र का बड़ा योगदान है. उन्होंने ही पहली बार यहां इस तरह की पढ़ाई की तैयारी की शुरुआत की. आज इस इंस्टीच्यूट से जुड़े बच्चे फैशन की दुनिया में विदेशों में भी नाम कर रहे हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि ये लोग बड़े फलक पर भागलपुरी सिल्क व यहां की लोक कला मंजूषा को प्रमोट कर रहे हैं.
इस इंस्टीच्यूट में सिर्फ भागलपुर व आसपासके बच्चे ही नहीं दूसरे राज्यों के बच्चे भी तैयारी करने आते हैं. यहां से पढ़ कर निकले गौरांग, मयूरी, प्रियांशु, अंकिता, संजीव, शिल्पी, स्वाति, मुमताज, खादिमुल इस्लाम आदि काफी नाम कर रहे हैं. जेएस एडुकेशन के निदेशक श्री मिश्र बताते हैं कि फैशन की दुनिया के बदलते व उभरते दौर को बड़ी शिद्दत के साथ महसूस किया जा रहा है. हर क्षेत्र में फैशन है. कहां जा सकता है कि अब फैशन घरों से निकल कर झोपड़े तक पहुंच रहा है. फैशन के प्रति जागरूकता आने से इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावना बन गयी है.