भागलपुर: शहर में पनपे नये आपराधिक गिरोहों ने पुलिस की परेशान बढ़ा दी है. लूट, छिनतई की घटनाएं बढ़ गयी है. तातारपुर पुलिस ने एक गिरोह का उद्भेदन किया तो सारे नये अपराधी निकले. एक औरंगजेब को छोड़ बाकी दो आरोपियों का चेहरा बिल्कुल नया था. नये अपराधियों का थाने में कोई रिकार्ड नहीं रहता.
इस कारण पुलिस को गैंग के उद्भेदन में परेशानी होती है. ऐसे नये गिरोहों का पुलिस का पास कोई लेखा-जोखा भी नहीं है. वहीं थानों में पदस्थापित अफसर भी नये हैं. इस कारण नये-नये गिरोहों के बारे में उन्हें कुछ विशेष जानकारी नहीं है.
मुखबिरों पर निर्भर पुलिस
नये गिरोह का उद्भेदन करने में पुलिस को मुखबिरों पर ही आश्रित रहना पड़ता है. अगर मुखबिर सूचना देना बंद कर दे तो पुलिस को सफलता भी नहीं मिले. नये गिरोहों के बारे में हर छोटी-बड़ी सूचना के लिए पुलिस को अपने मुखबिरों पर निर्भर रहना पड़ता है.
वारदात गिरफ्तारी
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