पीरपैंती. प्रखंड के किसान इन दिनों क्षेत्र में यूरिया की कमी से परेशान हैं. गत तीन जनवरी की हुई वर्षा से किसानों में हर्ष था कि बिना सिंचाई किये उनकी गेहंू की फसल की पटवन हो गयी. नियमत: पटवन के बाद गेहंू में यूरिया खाद का छिड़काव किया जाता है. इसे खाद विक्रेता बखूबी समझ रहे थे और इसका फायदा उठाते हुए यूरिया की कीमत 500 रुपये कर दी. किसानों में इसे लेकर आक्रोश व्याप्त है. प्रखंड में कुल 2605 हेक्टेयर में अनुमानित गेहंू की खेती की गयी है. प्रत्येक हेक्टेयर एक क्विंटल के हिसाब से यूरिया देना होता है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि वे अपने सहकर्मियों के साथ लगातार खाद विक्रेताओं की दुकानों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि वे किसानों का शोषण न कर सके. उन्होंने बताया कि मंगलवार को प्रखंड के पीरपैंती, शेरमारी एवं बाराहाट के खाद विक्रेताओं को 32 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है, ताकि किसानों की आवश्यकता की पूर्ति हो सके. प्रखंड के पैक्स अध्यक्ष संघ के अध्यक्ष मो फिदा हुसैन, प्रदीप सिंह, अवधेश सिंह आदि अध्यक्षों ने पैक्सों को यूरिया नहीं देने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि किसान उनके पास यूरिया के लिये आते है और नहीं मिलने पर चुनाव में बदला लेने की धमकी देते हैं.
यूरिया की कालाबाजारी से परेशान है किसान
पीरपैंती. प्रखंड के किसान इन दिनों क्षेत्र में यूरिया की कमी से परेशान हैं. गत तीन जनवरी की हुई वर्षा से किसानों में हर्ष था कि बिना सिंचाई किये उनकी गेहंू की फसल की पटवन हो गयी. नियमत: पटवन के बाद गेहंू में यूरिया खाद का छिड़काव किया जाता है. इसे खाद विक्रेता बखूबी समझ […]
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