भागलपुर: गंगा पार विक्रमशिला सेतु से पांचवें किमी से एप्रोच पथ का निर्माण कार्य शुरू किया गया है. शुक्रवार को कुछ मजदूर एप्रोच पथ के निर्माण में लगे थे. मजदूरों की कम संख्या के कारण सड़क निर्माण की प्रगति धीमी है. निर्माण की निगरानी के लिए विभागीय इंजीनियर भी उपस्थित नहीं थे.
इससे 31 दिसंबर तक सड़क तैयार होने पर संशय बना है. बता दें कि पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह ने 30 नवंबर को प्रशासनिक पदाधिकारियों और इंजीनियरों के साथ बैठक के दौरान 31 दिसंबर तक एप्रोच पथ का निर्माण पूरा करने के लिए कहा था. इसके लिए कांट्रैक्टर से शपथ पत्र भरवाया गया था और हिदायत दी गयी थी कि निर्धारित तिथि तक सड़क तैयार करने के लिए वे रात में भी काम करायें. लेकिन, मंत्री के लौटने के बाद से ही सड़क का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया. लगभग 10 दिनों तक एप्रोच पथ का निर्माण कार्य बंद रहा.
27 दिसंबर था तैयार करने का निर्धारित समय : विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए निर्धारित समय 27 दिसंबर था. निर्धारित तिथि के लगभग एक माह बीतने जा रहा है और स्थिति जस की तस है. निर्धारित तिथि के बाद करीब ढाई किमी ही सड़क बन सकी है. जबकि कांट्रैक्टर को फरवरी में ही वर्क ऑर्डर किया गया है. वैकल्पिक बाइपास और घूरनपीर बाबा रोड का निर्माण कार्य पूरा करने में विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ नहीं बन सका है. वैकल्पिक बाइपास का निर्माण भी अधर में है.
10 दिन में कैसे बनेगी साढ़े चार किमी सड़क?
लगभग छह किमी सड़क बनाने में कांट्रैक्टर को करीब 11 माह लगा है, तो 31 दिसंबर तक लगभग साढ़े चार किमी सड़क बन कर कैसे तैयार हो सकेगी, इस पर संशय है. हिदायत के बाद भी निर्माण कार्य रोजाना नहीं हो रहा है.
नहीं हो रही है मॉनीटरिंग
विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ के निर्माण की मॉनीटरिंग न तो विभाग के स्तर से हो रही है और न ही प्रशासनिक पदाधिकारियों की ओर से. मंत्री के लौटने के बाद कार्य की प्रगति को देखने के लिए अबतक कोई भी एप्रोच पथ पर नहीं गये हैं. मंत्री ललन सिंह कह कर गये हैं कि निर्धारित तिथि तक सड़क नहीं बनी, तो कांट्रैक्टर पर एफआइआर, पेमेंट रोकने, काली सूची में नाम डालने जैसी कार्रवाई होगी.