भागलपुर: गंगा और कोसी के उफनाने से पहले किनारे को दुरुस्त किया जायेगा. सिंचाई विभाग ने कटाव निरोधी कार्य की सात योजना बनायी है.
भागलपुर, नवगछिया और मुंगेर स्थित गंगा के दायें-बायें कटाव निरोधी कार्य किया जायेगा. इस कार्य पर करीब 16.14 करोड़ की लागत आयेगी. कटाव निरोधी कार्य को पूरा करने के लिए 15 मई तक का समय निर्धारित किया गया है. टेंडर के बाद कटाव निरोधी कार्य शुरू करा दिया जायेगा. टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. भागलपुर व मुंगेर के लिए 15 दिसंबर व नवगछिया के लिए 12 दिसंबर को टेंडर है. नवगछिया में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल व मुंगेर में गंगा पंप नहर प्रमंडल, सूर्यगढ़ा शिविर के अधीन कार्य होगा. अधिकारी का मानना है कि कटाव निरोधी कार्य से गंगा के किनारे को कटाव से बचाना संभव हो सकेगा.
14.89 करोड़ खर्च, स्थिति जस की तस
गंगा का जल स्तर हर साल बढ़ता है, इससे कटाव की स्थिति उत्पन्न होती है. बाढ़ का जब खतरा मंडराने लगता है, तो जल संसाधन विभाग गंगा किनारे बचाव करने में लग जाता है और इस पर लाखों-करोड़ों खर्च करता है. कटाव निरोधी कार्य पर जल संसाधन विभाग ने तीन साल में 14.89 करोड़ खर्च कर दिया है, फिर भी स्थिति जस की तस है.
गंगा का पानी कटाव निरोधी कार्य को अपने साथ बहा ले जाता है. वर्ष 2012 से ही विभाग कटाव निरोधी कार्य के तहत सरकार की राशि खर्च कर रहा है. पहले साल विभाग ने 309 लाख खर्च किया. दूसरे साल 10.87 करोड़ खर्च कर दिया. इस साल 15 मई से पहले विभाग ने 93.76 लाख खर्च कर चुका है. विशेषज्ञ का मानना है कि बोल्डर पीचिंग कार्य पर 50 करोड़ से अधिक राशि खर्च किया जाये, तो संभवत: कटाव पर रोक लग सकता है.