सबौर: 21 वीं सदी की कृषि शिक्षा क्षेत्र में आने वाली समस्या से निबटने और शिक्षा तकनीक की नयी-नयी पद्धति का उपयोग कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय में 14 व 15 नवंबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा. इसकी अगुवाई बिहार कृषि विश्वविद्यालय करेगा.
इस संगोष्ठी में देश के जाने माने शिक्षाविद, शिक्षक व वैज्ञानिक शामिल होंगे. बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरके सोहने बताया कि 2014 में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टीचिंग एंड लर्निग के तहत विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व उप महानिदेशक (शिक्षा भारतीय कृषि अनुंसधान परिषद , नई दिल्ली) डॉ जेसी कत्याल, पूर्व उप महानिदेशक (कृषि प्रसार, भारतीय अनुसंधान परिषद) डॉ चंद्रिका प्रसाद, पूर्व कुलपति विधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय कल्याणी बंगाल के डॉ एसके सन्याल, एनसीआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ राजाराम शर्मा और पूर्व निदेशक निसबड़ नोएडा के डॉ एमएमपी अखौरी शामिल होंगे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आरके सोहने एवं डॉ बीसी साहा करेंगे.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेमिनार का मुख्य उद्देश्य कृषि शिक्षा में कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हो और क्लास रूम में किस प्रकार आइसीटी के नये नये तकनीकों का उपयोग किया जाये आदि विषयों पर चर्चा होगी. साथ ही देश में पहली बार कृषि शिक्षा, छात्रों व संस्थानों की ब्रांिडंग भी की जायेगी. निजी कंपनियों एवं अन्य संस्थानों में मानव संसाधन व कौशल के जरूरतों पर भी चर्चा की जायेगी.