भागलपुर: अपराधी मो आलम के हत्या की साजिश मो फिरोज ने रची थी. हत्या के बाद लगातार आलम (मृतक) के मोबाइल पर फिरोज का भी फोन भी आ रहा था. अब तक की छानबीन में पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है.
यह भी स्पष्ट हो गया है कि रंगदारी वसूलने के चक्कर में आलम की हत्या हुई. इस मामले में पुलिस तह तक पहुंच गयी है, लेकिन अभी खुलासा करने से बच रही है.
किन शूटरों ने आलम की हत्या की और नेपथ्य में कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे, इसका भी पता पुलिस लगा चुकी है. साजिशकर्ता फिरोज की खोज में पुलिस ने शहर के छह फिरोज को चिह्न्ति किया है और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. बताया जाता है कि दो फिरोज मोजाहिदपुर इलाके के हैं, जबकि एक इशाकचक का. पुलिस असली फिरोज को दबोचने का प्रयास कर रही है, ताकि मामले का खुलासा हो सके. 14 अगस्त को फिरोज और आलम के बीच करीब कई बार बातचीत हुई थी. यह खुलासा आलम के जब्त मोबाइल से हुआ है. आलम की हत्या के बाद भी लगातार फिरोज का फोन उसके मोबाइल पर आ रहा था. घटना के बाद पुलिस ने फिरोज का फोन रिसीव किया. इस पर फिरोज ने कहा कि ठीक हुआ है आलम की हत्या हो गयी.
फिरोज ने कहा कि हमलोग शाम होटल के पास इंतजार कर रहे हैं. पुलिस अब यह जांच करने में जुटी है कि शाम होटल कहां है. पुलिस की जांच में यह आया है कि फिरोज को घटना की जानकारी पहले से थी और उसी ने हत्या का पूरा ताना-बाना बुना था. पुलिस एक-दो दिनों में इस मामले का खुलासा कर सकती है.
दिलावर का भाई तो नहीं है फिरोज ?
आलम की हत्या में शामिल साजिशकर्ता फिरोज दिलावर खान का तो भाई नहीं है? पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है. दिवेश सिंह हत्याकांड में दिलावर का नाम आया था, दिलावर और उसके दो साथियों को पीट-पीट कर लोदीपुर थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने मार डाला था. दिलावर को ही दिवेश सिंह की हत्या की सुपारी ली थी.