बिहार के भागलपुर में गंगा का कहर शहरी क्षेत्रों में भी जारी है. घर से लेकर श्मशान तक गंगा अपना रूप दिखा रही है. एनएच पर आवागमन ठप है. विवि में नाव चल रही है. इसका असर बाजार पर भी पड़ा है.
प्रोफेसर कॉलोनी : आवास किया खाली
भागलपुर : टीएमबीयू कैंपस में बाढ़ के पानी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. विवि में शुक्रवार को होने वाली बैठक का स्थान बदल दिया गया है. बैठक अब कुलपति आवास पर होगी. दूसरी तरफ लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी में जलस्तर बढ़ने से शिक्षकों के सरकारी आवास के ग्राउंड फ्लोर में पानी भर गया है. आधा दर्जन शिक्षक आवास छोड़कर दूसरे स्थान रहने के लिए चले गये हैं. पानी कम होने के बाद आवास में आयेंगे.
दोगच्छी बायपास से भवनाथपुर तक जाम
भागलपुर : दोगच्छी बायपास से भवनाथपुर तक बाढ़पीड़ितों के टेंट लगाने से राहगीरों की परेशानी बढ़ गयी है. इससे गुरुवार को चार घंटे तक लगातार जाम लगा रहा. ढाई किलोमीटर तक लंबा जाम रहा. वाहनों की लंबी कतार थी. कांवरियां का जत्था इसी ओर से जा रहा था.
बाढ़ राहत शिविरों में बनने लगे शौचालय, ब्लीचिंग का छिड़काव
भागलपुर : पिछले छह-सात दिनों से विभिन्न बाढ़ राहत शिविरों में बदहाली में रह रहे लोगों को शौच के लिए जब जगह-नहीं मिलने लगी, तो शिविर के आसपास ही बैठने लगे. स्थिति यह हो गयी है कि दुर्गंध के कारण कुछ देर भी रहना मुश्किल हो गया है. प्रशासन को इस बात की जानकारी होने के बाद भी न तो शौचालय की व्यवस्था की जा रही थी और न ही नगर निगम के गोदाम में बंद मोबाइल टॉयलेट निकाला जा रहा था. बाढ़ पीड़ितों की इस पीड़ा को प्रभात खबर ने ‘शहर में खुले में, गांव में जुगाड़ से शौच, इधर मोबाइल शौचालय निगम के गोदाम में’ हेडिंग से समाचार प्रमुखता से गुरुवार को प्रकाशित किया. समाचार प्रकाशित होते ही जिलाधिकारी, नगर निगम के अधिकारी और अन्य पदाधिकारी न सिर्फ शिविरों का निरीक्षण करने निकल पड़े, बल्कि टिल्हा कोठी व टीएनबी कॉलेजिएट मैदान में शौचालयों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया. सभी शिविरों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया.
एनएच पर चढ़ा बाढ़ का पानी
भवनाथपुर स्थित एनएच पर बाढ़ का पानी चढ़ना शुरू हो गया. इससे राहगीरों की परेशानी बढ़ गयी. खासकर बाढ़पीड़ितों को आशियाना अब यहां से हटाना पड़ेगा.
भागलपुर में जलस्तर स्थिर, फिर भी डेंजर लेवल से 58 सेमी ऊपर गंगा
भागलपुर : कई दिनों से गंगा का बढ़ रहा जलस्तर आखिरकार गुरुवार शाम छह बजे स्थिर हो गया, लेकिन 34.26 मीटर पर बह रही गंगा डेंजर लेवल से 58 सेमी ऊपर है. पानी का फैलाव नये इलाकों में तेजी से हो रहा है. कुरसेला में कोसी के मिलने से गंगा के बहाव में रुकावट से बढ़ता पानी : बागमती सहित कई नदियां कोसी से जुड़ी है. नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश हो रही है. इससे कोसी का पानी बढ़ रहा है. कोसी कुरसेला में गंगा से जाकर मिली है. कोसी का तेज बहाव गंगा के पानी को जाम कर दे रहा है. मध्य प्रदेश की बांध सागर का पानी सोन नदी और इसके नीचे गंडक, बूढ़ी गंडक फिर कोसी का पानी गंगा में मिलता है, जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ता है.
शिक्षकों को डीएम का निर्देश शिविर में चलेंगे अस्थायी स्कूल : जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने गुरुवार को बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी किया. उन्होंने निर्देश दिया है कि बाढ़ राहत शिविरों में अस्थायी स्कूल चलाये जायेंगे. अस्थायी स्कूल में शिविर के छह से 14 वर्ष के बच्चों को पंजीकृत किया जायेगा. रूटीन के अनुसार कक्षा का संचालन होगा, इसकी देखरेख बीडीओ करेंगे. 24 घंटे में इसे शुरू करने का निर्देश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिया है. बीइंग भाई ने बांटा राहत सामग्री : बीइंग भाई फाउंडेशन की ओर से नील कोठी, साहेबगंज, नाथनगर, सीटीएस आदि क्षेत्रों में राहत सामग्री का वितरण किया. वितरण करने में सुरूचि, श्रेया, मनीष गुप्ता, आशुतोष कृष्ण, नमन नीरज, प्रतीक जैन, आयुष छापोलिका, सिद्धार्थ साह, शाहनवाज, सौरभ मोहता, पंकज शर्मा, रोमित भगत, सूरज आदि का योगदान रहा.
घोरघट ब्रिज : छोटे मालवाहक के परिचालन पर भी रोक
भागलपुर. बाढ़ के पानी के दबाव में आकर पुराना घोरघट ब्रिज (बेली ब्रिज)के गार्डर की कंक्रीट पैकिंग (पुल को नीचे गार्डर का सपोर्ट) खिसक गया है. इससे पुल के ध्वस्त होने की संभावना है. राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने इंजीनियरों की टीम के साथ ब्रिज का मुआयना किया और तत्काल प्रभाव से पुराने ब्रिज से छोटे मालवाहक ट्रैक्टर, पिकअप आदि पर रोक लगा दिया गया है. हालांकि, कार व बाइक पर रोक नहीं है. एनएच विभाग ने ब्रिज के कमजोर रहने से विशेषज्ञ की देखरेख में काम करना उचित समझा है. विशेषज्ञ को कोलकाता से बुलाने का निर्णय लिया गया है. जल्द ही विशेषज्ञों की टीम आयेगी और उनके दिशा निर्देश पर दुरुस्तीकरण का कार्य करायेगा. कुछ साल पहले ब्रिज के मरम्मत पर 35 से 40 लाख रुपये खर्च हुए थे और इससे होकर चलने को मिल रहा था. पहले भारी अब छोटे मालवाहक वाहनों पर रोक लग गया है.
एसडीआरएफ ने महिला व दो बच्चों को निकाला
सबौर : एनएच 80 बाबूपुर के आसपास फ्यूल सेंटर के पीछे गंगा के पानी से एक घर में फंसी एक महिला व उसके दो बच्चों को एसडीआरएफ टीम ने सुरक्षित स्थान पर लायी. महिला ने जिला प्रशासन को फोन कर मदद की गुहार लगायी. अनुमंडलाधिकारी सदर ने एसडीआरएफ व सीओ को सूचना दी. सीओ विक्रम भास्कर, थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी व एसडीआरएफ टीम के कपिल देव प्रसाद, एसआइ चौरसिया दल बल के साथ पहुंचे और मौके पर जाकर हरे कृष्ण की पत्नी सविता देवी, उनकी पुत्री नन्ही राज व पुत्र ओम राज सहित छोटे पशुओं को गंगा में डूबे घर से नाव के सहारे सूखा स्थान तक लाया. इस कार्य में एसडीआरएफ के टीम का सराहनीय भूमिका रही. दल में कॉन्स्टेबल बबलू संजीव, अजीत राकेश, सूरज, धीरज, राजेश आदि शामिल थे.
पीड़ितों ने अंचल कार्यालय घेरा : बाढ़ पीड़ितों ने गुरुवार शाम अंचल कार्यालय में प्रदर्शन किया. मौके पर जनप्रतिनिधि सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं से बाढ़ पीड़ितों की समस्या सुनी. शिविर में रह रहे पीड़ित राहत की मांग कर रहे थे. कहा कि राहत के नाम पर बुधवार को चूड़ा-गुड़ का वितरण किया गया. गुरुवार को कुछ भी वितरण नहीं होने से पीड़ित आक्रोश में अंचल कार्यालय का घेराव किये. समझौते के बाद बाढ़ पीड़ितों ने प्रदर्शन बंद किया.
अस्पताल के वार्डों में घुसा पानी, बाढ़ से ओपीडी में मरीज हुए आधे
भागलपुर : दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से मायागंज अस्पताल व सदर अस्पताल में बारिश का पानी घुस गया, तो आसपास के क्षेत्र में बाढ़ से अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या घट गयी है. मायागंज अस्पताल के पेइंग गेस्ट वार्ड के निकास द्वार पर बारिश के पानी से फिसलन हो गया. मानसिक विभाग के वार्ड, इमरजेंसी के बाहर जगह-जगह जलजमाव है. सदर अस्पताल की महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि मूसलधार बारिश होने से लेबर रूम में पानी भर जाता है और महिला वार्ड में पानी घुस जाता है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए 12 स्थानों पर खुले अस्थायी अस्पताल बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए जिले में पांच प्रखंडों के 12 स्थानों पर अस्थायी अस्पताल खोले गये. सभी स्थानों पर स्वास्थ्यकर्मी नियुक्त किये गये हैं और जरूरी दवाएं भी दी गयी हैं. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह ने बताया कि नाथनगर प्रखंड के पांच बाढ़ शिविरों में अलग-अलग अस्पताल खोले गये हैं. इस्माइलपुर में एक, रंगरा में दो, कहलगांव में दो व नारायणपुर में दो स्थानों पर अस्थायी अस्पताल खोले गये हैं. जब तक यहां बाढ़ की स्थिति बनी रहेगी, तब तक यहां स्वास्थ्यकर्मी जरूरी दवा के साथ तैनात रहेंगे. सभी अस्पतालों में दो से तीन स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सक लगाये गये हैं.