भागलपुर : जिला का टाउन हॉल शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे अखाड़ा बन गया, जब पंचायत प्रतिनिधियों को मौजूद पर्यवेक्षक ने बोलने से रोक दिया. पर्यवेक्षक ने नवगछिया के एक पंचायत प्रतिनिधि के बोलते समय साउंड बॉक्स ऑफ कर दिया, इस पर अन्य प्रतिनिधि भड़क गये. करीब घंटेभर तक माइक फेंका-फेंकी चलता रहा और आक्रोशित प्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि आये हुए पर्यवेक्षक व सरकारी कर्मी समस्या सुनने के बदले अपनी बात थोप रहे हैं. सात निश्चय में जो समस्याएं आ रही हैं, उनके निराकरण पर ही विकास का काम संभव है. यह बात पयर्वेक्षक व अन्य सुनने को तैयार नहीं हैं. हंगामे के कारण शाम पांच बजे तक चलनेवाली मीटिंग डेढ़ बजे ही खत्म हो गयी.
कई दलाल किस्म के लोग ऑडिट की रिपोर्ट सही कराने के एवज में रिश्वत की पेशकश कर रहे हैं. वे डरा रहे हैं कि उनका ऑडिट सही कर दिया जायेगा, जिससे वे कार्रवाई से बच जायेंगे. जब सात निश्चय का पैसा भेजा गया तो सिर्फ काम कराने का दबाव दिया गया. इसको लेकर शुरूआत में कोई दिशा निर्देश नहीं था कि किस तरह पैसा खर्च करना है. अब नियम के तहत पैसे के खर्च का हिसाब-किताब मांग रहे हैं. पंचायत प्रतिनिधि पर सात दिनों के अंदर ऑडिट कराने वरना कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं. वार्ड समिति ने कहा कि उन्हें 12 लाख में 100 घरों में पानी और पीएचइडी को 42 लाख रुपये में 100 घर में पानी देने का टास्क दिया है