- तीन दिनों के समारोह में यह हुआ निर्णय
- किसान व वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध को समन्वित करने की आवश्यकता है
- छात्र-छात्राओं में रचनात्मक सोच बढ़ाने के लिए शुरू से इनोवेशन के बारे में बताया जाय
- नवाचारी किसानों को एडजंक्ट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया जायेगा
- किसानों के उद्यम को बढ़ाने के लिए नेटवर्किग करने की आवश्यकता होगी
- किसानों को उद्यमी बनाने के लिए बाजार संबंधी सूचना समय पर उपलब्ध कराने की जरूरत है
- किसान के उत्पादों को सही मूल्य प्राप्त कराने के लिए ब्रांडिग व एडवरटाइजिंग की आवश्यकता है
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बीएयू में खुलेगा इनोवेशन सेंटर, किसानों के आविष्कार को मिलेगा वैज्ञानिक स्वरूप
भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय के आठवें स्थापना दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय किसान विज्ञान कांग्रेस मंगलवार को संपन्न हो गया. समापन समारोह में किसानों के हित में कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह ने यह घोषणा की कि किसानों के इनोवेशन को वैज्ञानिक ढांचा देने के लिए इनोवेशन सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया […]
भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय के आठवें स्थापना दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय किसान विज्ञान कांग्रेस मंगलवार को संपन्न हो गया. समापन समारोह में किसानों के हित में कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह ने यह घोषणा की कि किसानों के इनोवेशन को वैज्ञानिक ढांचा देने के लिए इनोवेशन सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए बिहार सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. आने वाले समय में राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान, अहमदाबाद के साथ करार किया जायेगा.
इस राष्ट्रीय किसान विज्ञान समारोह में 310 नवाचारी किसान व वैज्ञानिकों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में कई किसानों के नवाचार आकर्षण के केंद्र में रहे. इसमें हरिमन शर्मा द्वारा विकसित सेब की प्रजाति, अशोक मनवानी द्वारा मोती की खेती का मॉडल आदि मुख्य थे. स्वागत भाषण डाॅ आरके सोहाने व धन्यवाद ज्ञापन डाॅ राम दत्त ने किया. प्रतिवेदन डाॅ श्रीधर पाटिल ने पढ़ा.
एब्सट्रैक्ट बुक का हुआ विमोचन
समापन समारोह की अध्यक्षता कुलपति डाॅ सिंह ने की. इस दौरान एब्सट्रेक्ट बुक का विमोचन किया गया. इस मौके पर प्रसार शिक्षा के निदेशक डाॅ आरके सोहाने, डाॅ विशाल नाथ, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ डीएन सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नयी दिल्ली के उद्यान विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ पंकज कुमार, डाॅ वीवी पटेल, राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान हैदराबाद के डाॅ हरदेव चौधरी आदि मंचासीन थे.
आनेवाले समय में पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, नयी दिल्ली से किसानों द्वारा विकसित प्रजातियों का पंजीकरण ज्यादा से ज्यादा हो सके, इसके लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाया जायेगाइनोवेटिव किसानों का संघ बनाया जायेगा
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