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वेंटिलेटर पर रोगी की मौत यह 40 साल पुरानी बात
भागलपुर : रोगी जो वेंटिलेटर पर रहता है उसकी जिंदगी से परिजन निराश हो जाते हैं. लेकिन यह सोच चालीस साल पुरानी है. अब वेंटिलेटर से न केवल मरीज वापस आ रहे हैं, बल्कि अपने जीवन की लंबी पारी भी खेल रहे हैं. हमारा आइसीयू कोलकाता की तरह आधुनिक सुविधा से लैस है. ये बातें […]
भागलपुर : रोगी जो वेंटिलेटर पर रहता है उसकी जिंदगी से परिजन निराश हो जाते हैं. लेकिन यह सोच चालीस साल पुरानी है. अब वेंटिलेटर से न केवल मरीज वापस आ रहे हैं, बल्कि अपने जीवन की लंबी पारी भी खेल रहे हैं. हमारा आइसीयू कोलकाता की तरह आधुनिक सुविधा से लैस है. ये बातें रविवार को मेडिका आइसीयू के एक साल पूरे होने पर आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ सौमित्रा भारद्राज ने कहा. इस मौके पर डॉ संजय सिंह, डॉ सोमेस झा, डॉ अविरल रॉय, डॉ राणा मौजूद थे.
वहीं, डॉ अविरल रॉय ने कहा ज्यादातर मरीज की मौत अस्पताल में नहीं होती. बल्कि एंबुलेंस में होती है. ऐसे में मरीज अगर सही समय पर अस्पताल पहुंच जाये तो इनके बचाना संभव हो सकता है. मरीज के परिजनों को चाहिए एंबुलेंस में समय ना बिताये, वो नजदीकी आइसीयू में जाये. मेडिका अपने आइसीयू को बेहतरीन बनाने के कोई समझौता नहीं करता है. वर्तमान में हमारे आइसीयू में आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है. सफलता की दर हमारे यहां 98 प्रतिशत है.
वहीं डॉ संजय सिंह ने कहा शहर में सारा कुछ है लेकिन बेहतरीन आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मेडिका के प्रतिनिधियों के सामने शर्त रखा गया था कि हमें कोलकाता की तर्ज पर चिकित्सा सुविधा चाहिए. आज हमें खुशी है कि हमारी शर्त पूरी हुई. बेहतरीन आइसीयू उपलब्ध है. यहां गरीब अमीर का भेद नहीं होता है. सभी का इलाज प्राथमिकता के आधार पर होता है . जो संतोष देने वाली बात है. वहीं एक साल पूरे होने पर क्लिनिक में वेटिलेटर को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें मेडिकल कॉलेज के साठ से ज्यादा छात्रों ने के साथ साथ शहर के नामचीन चिकित्सकों ने भी शिरकत किया.
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