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तीन अलग-अलग जमीन के आये प्रस्ताव में होगा संशोधन
भागलपुर : कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर एक बार फिर कार्रवाई शुरू हुई है. पिछले दिनों कहलगांव के अंचलाधिकारी को 500 एकड़ के बदले 200 एकड़ की जमीन का तीन अलग-अलग प्रस्ताव मांगा गया था. इस बारे में कहलगांव से प्रस्ताव आया, मगर उसमें कुछ त्रुटियां थी. इस कारण जिला प्रशासन […]
भागलपुर : कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर एक बार फिर कार्रवाई शुरू हुई है. पिछले दिनों कहलगांव के अंचलाधिकारी को 500 एकड़ के बदले 200 एकड़ की जमीन का तीन अलग-अलग प्रस्ताव मांगा गया था. इस बारे में कहलगांव से प्रस्ताव आया, मगर उसमें कुछ त्रुटियां थी. इस कारण जिला प्रशासन ने दोबारा फाइल डीसीएलआर कहलगांव को भेजा है. उनसे अगले तीन दिनों के भीतर दोबारा संशोधित प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है.
बता दें कि वर्ष 2015 में संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भागलपुर को केंद्रीय विवि का तोहफा दिया था. तब से लेकर अब तक जमीन तय करने का मामला चल रहा है. जनवरी 2017 में 500 एकड़ की एक जमीन का प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया था. केंद्र सरकार ने इस एकल जमीन के प्रस्ताव को वापस कर कहा था कि, तीन प्रस्ताव दें. इसके बाद जिला प्रशासन ने विक्रमशिला और अंतीचक के आसपास की जमीन चिह्नित किया. इस तरह तीन प्रस्ताव को बाजार मूल्य यानी एमवीआर का आकलन करते हुए 203 करोड़ से लेकर 356 करोड़ रुपये जमीन खरीद पर खर्च होने के बारे में पत्र भेजा था.
यह है केंद्रीय विवि के जमीन चयन का सफर
केंद्र ने केंद्रीय विवि के लिये 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण का तीन प्रस्ताव मांगा.
21 मार्च 2016 को नंदगोला, सिंगलबैता मौजा व अंतीचक की पांच सौ एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा.
जमीन के एवज में 300 करोड़ रुपये जमीन खरीद के बजट की मांग हुई.
17 जनवरी 2017 को शिक्षा विभाग ने केंद्रीय विवि की जमीन का दोबारा तीन प्रस्ताव मांगा.
21 मार्च 2017 को कहलगांव के एसडीओ, डीसीएलआर व अंचलाधिकारी जमीन खोजने में लगे.
12 जून 2017 को भूमि अर्जन ने डीएम के पास दर आकलन का प्रस्ताव बनाकर भेजा.
26 जून 2017 को डीएम ने प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए शिक्षा विभाग के पास पत्र भेजने के निर्देश दिये.
9 फरवरी 2018 को विधान सभा में शिक्षा मंत्री ने 500 एकड़ के बदले 200 एकड़ विवि जमीन के खोज करने की घोषणा की थी.
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