भागलपुर: पांच साल बाद बिहार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह तो मिली है लेकिन पूर्व बिहार व कोसी के इलाके में निराशा है. इस क्षेत्र से जुड़े नेताओं को नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. बिहार से रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह व उपेंद्र कुशवाहा को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. कोसी व पूर्व बिहार में भाजपा को सफलता नहीं मिली थी. भागलपुर से सैयद शाहनवाज हुसैन की हार के बाद मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद जाती रही थी. लेकिन यहां के लोगों को उम्मीद थी कि भागलपुर से जुड़े निशिकांत दुबे या अश्विनी चौबे को मंत्रिमंडल में जगह देकर इस क्षेत्र को भागीदारी दी जा सकती है. दोनों क्रमश: गोड्डा व बक्सर से लोकसभा के लिए चुने गये हैं.
नरेंद्र मोदी व उनके मंत्रिपरिषद ने सोमवार को शपथ ले ली. शपथ के साथ ही मंत्रिपरिषद की सारी कयासबाजी समाप्त हो गयी. कटिहार से जीते राकांपा नेता तारिक अनवर मनमोहन मंत्रिमंडल में तो थे, लेकिन वे महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य थे.
मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में उनके मंत्रिमंडल में बिहार के किसी लोस सदस्य को जगह नहीं मिली थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार में अच्छी सफलता मिली, लेकिन कोसी व पूर्व बिहार की 11 लोकसभा सीटों में भाजपा ने आठ पर अपने प्रत्याशी खड़े किये थे तथा तीन सीट अपनी सहयोगी लोजपा को दी थी. लोजपा के सारे उम्मीदवार जीत गये लेकिन भाजपा के सारे उम्मीदवार हार गये. भागलपुर से भाजपा प्रत्याशी सैयद शाहनवाज हुसैन के बारे में तय माना जा रहा था कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में अवश्य जगह मिलेगी, लेकिन उनकी हार के साथ ही सारी उम्मीदें समाप्त हो गयी.
झारखंड के गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे का गृह क्षेत्र भागलपुर है. वे गोड्डा से लगातार दूसरी बार जीते. इसी तरह बक्सर से भाजपा के सांसद अश्विनी चौबे भी भागलपुर के हैं और अभी भागलपुर के विधायक हैं. बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेताओं में इनकी गिनती होती है. यहां के लोगों को उम्मीद थी कि श्री चौबे या श्री दुबे में किसी एक को मंत्रिमंडल में जगह देकर इस क्षेत्र को भागीदारी दी जा सकती थी.