भागलपुर: निवर्तमान सांसद शाहनवाज हुसैन की हार की चर्चा शहर में चहुंओर है. इसको लेकर शहर के विभिन्न गली-मुहल्लों में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है. लोग अपने हिसाब से हार-जीत के आकलन में जुटे हुए हैं. इसको लेकर सभी अपने-अपने आंकड़े पेश कर रहे हैं, तो सभी के अपने तर्क भी हैं. हालांकि इसमें एक बात आम है कि ज्यादातर लोग श्री हुसैन की जीत के प्रति आशान्वित थे.
इन चर्चाओं में जहां भागलपुर विधानसभा क्षेत्र को छोड़ कर अन्य सभी विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे नंबर पर रहने को भाजपा की हार का बड़ा कारण बताया जा रहा है, वहीं भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में अन्य पांचों विधानसभा क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कम मतदान को भी हार का मुख्य कारण माना जा रहा है.
मतगणना के बाद अब लोग बेबाकी से स्वीकार कर रहे हैं, शहरी क्षेत्र में थोड़े और वोटरों को घरों से निकल कर बूथ तक पहुंचना चाहिए था. एक कार्यालय में लोग चर्चा कर रहे थे कि यदि भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान का प्रतिशत 55 को पार कर जाता तो यहां से भी भगवा परचम को लहराने को कोई रोक नहीं सकता था. इसके अलावा पीरपैंती व बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी को भारी बहुमत मिलने पर लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं और इसे जिला भाजपा की आपसी खींचतान से जोड़ कर भी देख रहे हैं. दूसरी ओर, इन्हीं वजहों को लोग राजद प्रत्याशी बूलो मंडल की जीत का कारण भी मान रहे हैं.
यही नहीं राजद के ‘माय’ समीकरण के साथ गंगा पार व दियारा क्षेत्र में बूलो मंडल की अपनी छवि, उनकी शालीनता, सहजता एवं व्यवहार कुशलता को भी उनकी जीत का बड़ा कारण मानते हैं.