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टीएमबीयू : अनहोनी का इंतजार कर रहा स्वास्थ्य केंद्र
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में 10 माह से इलाज बंद है. न डॉक्टर है और न ही जांच करनेवाले. विवि किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है. विवि की लापरवाही से स्वास्थ्य केंद्र में अबतक चिकित्सक बहाल नहीं हो सका है. 22 जुलाई 2017 को चिकित्सक की संविदा अवधि समाप्त हो […]
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में 10 माह से इलाज बंद है. न डॉक्टर है और न ही जांच करनेवाले. विवि किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है. विवि की लापरवाही से स्वास्थ्य केंद्र में अबतक चिकित्सक बहाल नहीं हो सका है. 22 जुलाई 2017 को चिकित्सक की संविदा अवधि समाप्त हो गयी. स्वास्थ्य केंद्र में उपचार का कार्य बंद है. अस्पताल में कोई दवा नहीं है.
विवि के लगभग 20 हजार छात्रों, शिक्षकों, पदाधिकारियों व कर्मचारियों के सामने उपचार को लेकर परेशानी बढ़ गयी है. छात्र राजद के अध्यक्ष दिलीप कुमार, छात्र नेता शिशिर रंजन, बमबम प्रीत, मो गुलशन ने विवि से मांग की है कि विवि अस्पताल में अविलंब चिकित्सक की बहाली की जाये. चिकित्सक के नहीं रहने से छात्रों का उपचार नहीं हो रहा है. शीघ्र व्यवस्था नहीं की जाती है, तो छात्र आंदोलन कर सकते हैं.
दवा खरीद के लिए क्रय समिति से मिली है मंजूरी
विवि में क्रय समिति की बैठक के आठ माह बीत गये हैं. चिकित्सक के नहीं रहने से दवा की खरीदारी अबतक नहीं की गयी है. अस्पताल में अब सिर दर्द, पेट दर्द, खांसी व जुकाम आदि की दवा नहीं है.
अस्पताल दिखा नैक से लिया प्वाइंट
टीएमबीयू का मूल्यांकन करने आयी नैक टीम ने अस्पताल की व्यवस्था देख सराहना की थी. मूल्यांकन के दौरान अस्पताल में डॉक्टर, कंपाउंडर व मरीज मिल रहे थे. अस्पताल की व्यवस्था देखने से नहीं लग रहा था कि यह विवि का ही अस्पताल है. नैक टीम के जाने के बाद अस्पताल की सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गयी.
पूर्व के दो रजिस्ट्रार के कार्यकाल में निकाला गया था विज्ञापन
विवि के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो मोहन मिश्रा व प्रो शंभुनाथ चौधरी के कार्यकाल में चिकित्सक की बहाली के विज्ञापन निकाले गये थे. विज्ञापन निकाले भी 10 माह पूरा हो चुका है. चिकित्सक की बहाली नहीं हो पायी है. दोनों पूर्व रजिस्ट्रार बार-बार यही कहते रहे कि जल्द ही स्वास्थ्य केंद्र को चिकित्सक मिल जायेंगे. अब राजभवन से नये रजिस्ट्रार विवि में योगदान दे चुके हैं.
तीन लोगों के हवाले अस्पताल
विवि अस्पताल में डॉक्टर तो नहीं मिलेंगे, लेकिन ड्यूटी पर ड्रेसर, कंपाउंडर व बड़ा बाबू मिल जायेंगे. अस्पताल तीन लोगों के सहारे चल रहा है. कर्मचारियों ने बताया कि डॉक्टर के नहीं रहने से उपचार नहीं हो रहा है. छात्र उपचार कराने आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं रहने से वापस लौट जाते हैं.
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