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11 माह में खर्च करनी होगी तीन साल की राशि

* योजना के लिए आवंटित 643 करोड़ रुपये में 20 प्रतिशत ही हो सका खर्च* विधायक विकास फंड योजना खत्म होने के बाद करीब 29 माह पहले बनी सीएम क्षेत्र विकास योजना दम तोड़ रही है. योजना की धीमी रफ्तार के लिए विधायक और अधिकारी एक दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं, लेकिन नुकसान राज्य […]

* योजना के लिए आवंटित 643 करोड़ रुपये में 20 प्रतिशत ही हो सका खर्च
* विधायक विकास फंड योजना खत्म होने के बाद करीब 29 माह पहले बनी सीएम क्षेत्र विकास योजना दम तोड़ रही है. योजना की धीमी रफ्तार के लिए विधायक और अधिकारी एक दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं, लेकिन नुकसान राज्य की जनता का हो रहा है. इसे लेकर भागलपुर के विधायक नाराज हैं. –

।। दीपक कुमार मिश्र ।।
भागलपुर : सीएम क्षेत्र विकास योजना के तहत जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा से होने वाले विकास कार्य करीब-करीब ठप हैं. पिछले दो वित्तीय वर्षो में इस योजना के लिए आवंटित 643 करोड़ रुपये में से 130 करोड़ की राशि (लगभग 20 प्रतिशत ) का ही काम पूरा हो सका है.

2011-12 से लेकर 2013-14 के तीन वर्षो की इस योजना मद की 849 करोड़ की राशि अगले 11 माह में खर्च करने की बड़ी चुनौती सरकार के सामने है. वित्तीय वर्ष 2012-13 के अंत तक दोनों वित्तीय वर्ष का काम पूरा कर लेना था, लेकिन कई जिलों में तो अंतिम रूप से योजनाओं का भी चयन नहीं किया जा सका.

हाल ही में योजना व विकास विभाग ने 249 करोड़ 78 लाख 60 हजार की राशि सभी जिलों को भेजी है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि पिछले वित्तीय वर्षो का काम पूरा कराने के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष की योजना का चयन कर भी समय से काम पूरा करें. इस योजना का काम कराने के लिए राज्य में 57 इंजीनियरिंग सेल बनाये गये हैं.

2011-12 में काफी देर से इस सेल में इंजीनियरों को प्रतिनियुक्त किया गया. इस सेल में दो हजार इंजीनियरों की जगह करीब एक हजार अभियंता ही हैं. योजना को तेजी से पूरा करने के लिए अब प्रत्येक सेल के कार्यपालक अभियंता को राशि निकासी का अधिकार दे दिया गया है. योजना चयन के लिए जिला के प्रभारी मंत्री, सभी विधायक व विधान पार्षद, जिला योजना पदाधिकारी, अन्य अधिकारियों की कमेटी है. अधिकतर जिलों में बैठक समय से नहीं हो पा रही है.

* राह में हैं कई रोड़े
* समय पर जिला योजना चयन कमेटी की बैठक नहीं
* एमएलए व एमएलसी द्वारा अनुशंसा में देरी
* अभियंताओं की हड़ताल से टेंडर प्रक्रिया में हुई देर
* राशि को लेकर टेंडर होने के बाद भी एकरारनामा में देरी
* इंजीनियरिंग सेल में अभियंताओं की कमी

– ये हो रहे काम
पंचायत सरकार भवन, आंगनबाड़ी केंद्र भवन, गोदाम का निर्माण, गली व नाली का निर्माण, सामुदायिक भवन, सार्वजनिक बस पड़ाव, यात्री शेड, सार्वजनिक पुस्तकालय, नदी व सार्वजनिक तालाबों में घाट का निर्माण, राजकीय व प्रोजेक्ट स्कूल की चारदिवारी निर्माण, सरकारी उच्च विद्यालयों में बेंच डेस्क की व्यवस्था व साइकिल शेड का निर्माण, उच्च विद्यालय व अंगीभूत महाविद्यालयों में पुस्तकालय भवन का निर्माण, हाट व मेला स्थलों का विकास, कला मंच या खेल के मैदान का निर्माण, सार्वजनिक चबूतरा का निर्माण.

* दम तोड़ रही सीएम क्षेत्र विकास योजना
* तीन वित्तीय वर्ष की शेष 849 करोड़ की राशि खर्च करने की है चुनौती
* पिछले दो वित्तीय वर्षो में मात्र 20 प्रतिशत की राशि ही हो सकी खर्च
* मार्च के अंत में राशि सरेंडर के बाद पिछले दिनों जारी की गयी 249.78 करोड़ की राशि

– भागलपुर में 183 योजनाओं पर काम नहीं
भागलपुर में समय पर काम शुरू नहीं हो पाने की वजह से पिछले दो वित्तीय वर्ष की 15.80 करोड़ में से 15 करोड़ की राशि सरेंडर हो गयी थी. पिछले दिनों यहां सात करोड़ 12 लाख की राशि पहुंची है. योजना की समीक्षा बैठक में विधायकों व विधान पार्षदों ने इस पर खुल कर नाराजगी जतायी. विधायकों की अनुशंसा वाली 183 योजना पर काम ही शुरू नहीं हो पाया. विधायक इसके लिए सरकारी प्रक्रिया को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं.

राशि वापस गयी है, लैप्स नहीं हुई है. पुन: यह राशि आ जायेगी और काम शुरू होगा. प्रक्रिया में देरी की वजह समय पर योजना शुरू नहीं हो पायी.
विमलेश मिश्र, जिला योजना पदाधिकारी भागलपुर

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