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भोलानाथ पुल के नक्शे को रेलवे ने आठवीं बार लौटाया
भागलपुर : जिस जेनरल एरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) यानी नक्शे को मंजूरी मिलने की उम्मीद पर भोलानाथ फ्लाई ओवर ब्रिज की बुनियाद टिकी है, उसमें रेलवे ने तकनीकी खामियां बता दी है. नक्शे को अब तभी रेलवे से मंजूरी मिलेगी, जब तकनीकी खामियां दूर होगी. यानी नक्शे में संशोधन कर मुख्यालय की सहमति पर रेलवे को […]
भागलपुर : जिस जेनरल एरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) यानी नक्शे को मंजूरी मिलने की उम्मीद पर भोलानाथ फ्लाई ओवर ब्रिज की बुनियाद टिकी है, उसमें रेलवे ने तकनीकी खामियां बता दी है. नक्शे को अब तभी रेलवे से मंजूरी मिलेगी, जब तकनीकी खामियां दूर होगी. यानी नक्शे में संशोधन कर मुख्यालय की सहमति पर रेलवे को फिर से भेजा जायेगा. नक्शा के पेच में फ्लाई ओवर निर्माण का मामला फंसा हुआ है.
कमियां बता रेलवे पिछले दो सालों में छह-सात बार नक्शा लौटा चुका है. पिछले साल ही मार्च व जून-जुलाई में सुधार की बात करते हुए रेलवे ने पुल निर्माण निगम को नक्शा लौटा दिया था. नक्शे में सुधार कर स्वीकृति के लिए रेलवे को भेजा गया था. नक्शा को जब स्वीकृति मिल जायेगी, तो फिर उसके मुताबिक डीपीआर तैयार होगी. इसके बाद ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी और फिर इसका निर्माण फिर सकेगा. फिलहाल, नक्शे को रेलवे की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण शहर को दक्षिणी क्षेत्र से जोड़ने के लिए भोलानाथ के ऊपर फ्लाई ओवर के निर्माण नहीं हो रहा है. पुल निर्माण निगम के इंजीनियर लगातार प्रयास कर रहे हैं कि नक्शे को मंजूरी मिले.
पहले मापदंड के मुताबिक नक्शे को सही ठहराया, अब निकाल रहे कमियां : रेलवे के अधिकारियों ने रेलवे के मापदंड के मुताबिक नक्शे को पहले तो सही ठहराया और जल्द स्वीकृति देने की बात कही थी. मगर, अब उनकी ओर से कमियां बतायी जा रही है. दो साल में यह आठवीं बार है जो कमियां निकाल कर नक्शे में संशोधन करा रहा है.
1110 मीटर लंबा प्रस्तावित है फ्लाई ओवर ब्रिज
मिरजानहाट शीतला स्थान चौक से भीखनुपर के बीच 1110 मीटर लंबा फ्लाई ओवर का निर्माण प्रस्तावित है. रेलवे ट्रैक से यह सात मीटर ऊंचा बनेगा. रेलवे ने साल 2015 में ही राज्य सरकार को एनओसी दी है. पुल निर्माण की राशि भी बढ़ा गयी है.
रेलवे ने नक्शे में कुछ कमियां निकाली है. नक्शा बनाने वाले कंसल्टेंट एजेंसी ट्रांसटेक को तकनीकी कमियों में सुधार के लिए दिया गया है. सप्ताह भर के अंदर कंसल्टेंट एजेंसी से वापस आयेगा. इसके बाद इस पर सहमति के लिए मुख्यालय भेजा जायेगा. तभी रेलवे को पुन: सौंप कर जल्द से जल्द स्वीकृति के लिए कहा जायेगा. रेलवे से नक्शे को मंजूरी मिलने पर ही निर्माण से जुड़ी आगे की प्रक्रिया अपनायी जायेगी.
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