हाल जीरोमाइल
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बैंक में रखे रह गये मरम्मत के 98 लाख, बर्बाद हो रही जिंदगी, अब पैसे लौटाने की हुई तैयारी
हाल जीरोमाइल से रानी तालाब तक की सड़क का पदाधिकारी बोले : जेल रोड ने बढ़ाया ब्लड प्रेशर, सोमवार को बात नहीं सुनी गयी तो करूंगा सरेंडर भागलपुर : तिलकामांझी से रानी तालाब तक जाने वाली सड़क (जेल रोड) की हालत लंबे समय से खराब है. यह एनएच 80 है. एनएच की इस उपेक्षा का […]
से रानी तालाब तक की
सड़क का
पदाधिकारी बोले : जेल रोड ने बढ़ाया ब्लड प्रेशर, सोमवार को बात नहीं सुनी गयी तो करूंगा सरेंडर
भागलपुर : तिलकामांझी से रानी तालाब तक जाने वाली सड़क (जेल रोड) की हालत लंबे समय से खराब है. यह एनएच 80 है. एनएच की इस उपेक्षा का शिकार लोगों को होना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि इस सड़क पर प्रतिदिन लाखों लोग आवागमन की परेशानी झेल रहे हैं. लोग सुधार की मांग करते रहे हैं. इसके बावजूद यहां आज तक सड़क नहीं बनायी जा सकी है. इस सड़क पर स्कूल, अस्पताल, ऑफिस, थाना, शो रूम, बैंक, दुकानें, घर आदि हैं. कमोबेश हर दिन बच्चों को स्कूल जाने में देरी होती है.
जाम में स्कूली बसें फंसी रहती हैं. इस सड़क किनारे बसे दो लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी बर्बाद होकर रह गयी है. ठंड के दिनों में नमी और थोड़ा-बहुत पानी छिड़काव से तो कुछ हद तक राहत मिला करती थी. मगर, इस रास्ते पर अब वाहन चलने से बेहिसाब धूल उड़ रही है. इस सड़क पर कारोबार ठप हो गया है. कई दुकानें बंद रहने लगी है. लोग इलाका छोड़ रहे हैं. क्लिनिक नहीं खुलने लगा है. अपनों से रिश्तेदार दूर हो रहे हैं. लोग बीमार पड़ रहे हैं. स्कीन, दमा, साइनस, टीवी आदि के मरीज बढ़े हैं. तकरीबन 98 लाख रुपये से सड़क मरम्मत का प्रयास पिछले साल भर से चल रहा है. मरम्मत का पैसे बैंक में हैं मगर, सड़क नहीं बन रही है. विभाग अब पैसे लौटाने की तैयारी में है.
सिंचाई विभाग के रिटायर इंजीनियर ने छोड़ा घर : गड्ढों में सड़क, उड़ते धूल और जाम इस सड़क की नियति बन गयी है. इसके चलते सिंचाई विभाग से रिटायर इंजीनियर आनंदगढ़ कॉलोनी निवासी रामचंद्र भगत ने अपने परिवार के साथ घर छोड़ दिया है. वे पिछले साल भर से लौट कर नहीं अाये हैं. अपने घर को किराये पर दे रखा है. भूपेंद्र कुमार ने बताया कि रिटायर के बाद वे यहां रहा करते थे. मगर, परेशानी बढ़ती चली गयी. इसके चलते वह चले गये. उनका एक लड़का विदेश में रहता है वहीं दूसरा लड़का महानगर में है. अपने बच्चों के साथ रह रहे हैं.
सड़क एक नजर में
सड़क की लंबाई : 2.5 किमी
अब तक खर्च
निर्माण पर : 10.59 करोड़ रुपये
मरम्मत पर : 30 लाख रुपये
हालत : टूटी सड़क, जाम व धूल से होती है परेशानी
आबादी : लगभग दो लाख
आवागमन करते हैं : लाखों लोग
शहर में प्रवेश करने का मुख्य मार्ग है
अधिकारी से लेकर बड़े नेता तक आते जाते हैं इधर से
हवाईअड्डा भी है
क्या करें? जेल रोड ने हमको परेशान कर दिया है. किसी को कोई टेंशन नहीं है. टेंशन तो केवल एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को है. जेल रोड में जैसे जाते हैं ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. मदद के रूप में बाइपास वाले कुछ तो करा रहा है मगर, यह हाल रहा तो वह भी सरेंडर कर जायेगा. ऑफिस घुसने से पहले उन्हें बाबू-भैया कहना पड़ता है ताकि पानी का छिड़काव कर सके. आश्वासन मिला है कि इस माह में कुछ करेंगे. सिंगल टेंडर हुआ है. अगले सोमवार को मीटिंग है. इस मुद्दे को रखेंगे. नहीं तो हम सरेंडर कर जायेंगे.
राजकुमार, कार्यपालक अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर
किसी ने छोड़ा घर, तो कोई हुआ बीमार, व्यवसायी हैं परेशान, स्कूल संचालक कोस रहे खुद को
जीरोमाइल चौक
नहीं खुल रहीं आधा दर्जन दुकानें कई ने बंद करने की कर ली है तैयारी
जीरोमाइल चौक पर थाने के ठीक सामने आधा दर्जन दुकानों अब नहीं खुला करती हैं. कई तो दुकान बंद करने की तैयारी में हैं. मकान मालिक से दूसरा किरायेदार रखने तक कह दिया है. विपिन चौधरी ने बताया कि सोनू अपनी बीज की दुकान को अक्सर बंद रखता है. 15 दिन में केवल साफ-सफाई के लिए खोलता है. रानी तालाब का उमेश शर्मा फर्नीचर की दुकान दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी में है. वह अपनी दुकान को बंद रखने लगा है. यहीं दंत स्पेशलिस्ट डाॅ श्वेता सिंह अब क्लिनिक कभी-कभी खोलती है. मदन रेडिमेड कपड़े की दुकान को भी बंद रखने लगा है. इस बिल्डिंग में खाली दुकान का बोर्ड तक लटकने लगा है.
बोले दुकानदार
धूल में रहते हैं, बीमार पड़ रहे हैं
विशाल इंटरप्राइजेज के संचालक भूपेंद्र कुमार बताते हैं कि उड़ते धूल की वजह से बीमार पड़ रहे हैं. कारोबार है और इसको छोड़ नहीं सकते हैं. इसलिए, कभी-कभार खुद से पानी का छिड़काव करते हैं.
दुकान खोल कर हो रहा है पछतावा : अक्षय
मोटरसाइकिल रिपेयरिंग सेंटर के संचालक अक्षय कुमार बताते हैं कि दुकान खोलने से साल भर हुआ है. धूल और जाम के चलते अब पछतावा हो रहा है कि इस सड़क पर दुकान क्यों खोलें. कारोबार है तो अब झेलना ही पड़ेगा. धूल के चलते साइनस हो गया है.
हमेशा नाक पर रूमाल लगा कर रखना पड़ रहा है : विपिन
ऑयल दुकान के संचालक विपिन चौधरी ने बताया कि धूल से परेशान हैं. तेज धूप में धूल से एलर्जी हो गया है. इसके चलते अब नाक को हमेशा रूमाल से ढक कर रखना पड़ता है. जर्जर सड़क, जाम, धूल के कारण ग्राहक नहीं आता है. दोपहर बाद भी बोहनी का आफत है.
जीरोमाइल में ट्रक के नीचे आने से बचा मैट्रिक का छात्र
जीरोमाइल के विपिन चौधरी बच्चे को मैट्रिक परीक्षा के लिए गणपतराय सलारपुरिया स्कूल छोड़ने जा रहे थे. गड्ढों के कारण मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गयी और बच्चे को लेकर गिर पड़े. पीछे से ट्रक आ रही थी. इसके नीचे आने से बाल-बाल बचे. दुर्घटना में हल्की चोट भी लगी है. अगर सड़क ठीक-ठाक रहती, तो दुर्घटना नहीं होती.
बरारी रोड रहने लगा जाम
जेल रोड के गड्ढों व धूल के चलते अब तिलकामांझी से बरारी रोड व्यस्त हो गया है. इस सड़क पर वाहनों की रफ्तार बढ़ गयी है. इसके चलते अब अक्सर जाम रहने लगा है. कभी-कभी तो सिगनल से लेकर मायागंज बिजली ऑफिस तक वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. इसमें स्कूली बसें भी फंसती है. इस सड़क पर जिलाधिकारी का भी आवास है. ये जब अपने आवास से दफ्तर के लिए निकलते हैं, तो उनके सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
धूल-धुआं कर रहा चेहरे को फीका, दे रहा स्किन एलर्जी का दर्द
बढ़ गये हैं एलर्जी के मरीज : डॉ दिव्या
डॉ दिव्या सिंह ने कहा कि शहर की खराब सड़कों पर उड़ने वाले धूल के कारण लोग स्किन एलर्जी का शिकार हो रहे हैं. क्लिनिक में आने वाले मरीजों में ज्यादातर स्टेट एवं नेशनल हाइवे किनारे स्थित सबौर, जगदीशपुर, नाथनगर, कहलगांव, नवगछिया क्षेत्र में रहनेवाले हैं. धूल व गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण लोगों के त्वचा पर खुजली, एक्जिमा हो रहा है. इसके संपर्क में रहने वाले लोगों के चेहरे पर झुर्रियां आने लगती है.
धूल से बढ़े टीबी के मरीज : डॉ बिनय
डॉ बिनय कुमार झा ने बताया कि धूल-धुंआ के संपर्क में लगातार रहने से लोग अस्थमा, एलर्जिक अस्थमा व टीबी के शिकार हो रहे हैं. क्लिनिक में आने वाले कुल मरीजों में करीब 35 प्रतिशत मरीज इन्हीं सब बीमारियों से ग्रसित मिल रहे हैं. बड़ी बात यह कि इनमें से ज्यादातर मरीजों के घर सड़क के किनारे हैं. उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे लगातार धूल की चपेट में आने से लोग परेशान हैं और मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
बैकपेन के मरीज बढ़ गये हैं : डॉ मनोज
डॉ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में से 80 प्रतिशत मरीज घुटना एवं कमर दर्द से परेशान हैं. मरीजों के इलाज के दौरान जांच-पूछताछ के बाद ये निष्कर्ष आया है कि भागलपुर की खराब सड़कों पर वाहन चलाने वाले लोग लंबे समय के बाद कमर दर्द के शिकार हो रहे हैं. लगातार उबड़-खाबड़ सड़कों पर चलने के कारण रीढ़ की हड्डी डिसप्लेस हो जाता है. अगर सड़क की यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब यहां बैकपेन के मरीजों की संख्या कफी हो जायेगी.
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