फर्जीवाड़ा. बाजार में खपाया जेल के नाम पर भेजा गया 19960 लीटर केरोसिन
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जेल में जल रहा इलेक्ट्राॅनिक लालटेन इधर कर दिया केरोसिन का खेल
फर्जीवाड़ा. बाजार में खपाया जेल के नाम पर भेजा गया 19960 लीटर केरोसिन भागलपुर : जिला के दो जेल (विशेष केंद्रीय कारा व शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा) में पिछले नौ माह से इलेक्ट्रॉनिक लालटेन जल रहा था, मगर वहां पर सरकार से केरोसिन का आवंटन भी जा रहा था. जितने तेल का आवंटन था, […]
भागलपुर : जिला के दो जेल (विशेष केंद्रीय कारा व शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा) में पिछले नौ माह से इलेक्ट्रॉनिक लालटेन जल रहा था, मगर वहां पर सरकार से केरोसिन का आवंटन भी जा रहा था. जितने तेल का आवंटन था, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र भी अनुमंडल कार्यालय पहुंच रहा था. इस कारण अनुमंडल कार्यालय भी आवंटन को लेकर शांत था.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा : पिछले दिनों सदर एसडीओ सुहर्ष भगत जेल में छापेमारी करने गये थे. इस दौरान उन्होंने वहां के कर्मियों से पूछा कि अब जेल में केरोसिन का क्या प्रयोग होता है. इस पर कहा गया कि यहां तो इलेक्ट्रॉनिक लालटेन है, केरोसिन का क्या काम. यह जवाब सुन सदर एसडीओ भी हैरान हो गये. उन्होंने गुपचुप तरीके से जेल में केरोसिन के आवंटन की जांच शुरू करा दी. दोनों जेल के प्रशासन से केरोसिन के आवंटन कब तक मिलने का पत्र मांगा. इसके जवाब ने दोनों जेल प्रशासन ने केरोसिन आवंटन के बंद होने की तिथि के बारे में बताया. जेल प्रशासन के पत्र से सदर अनुमंडल कार्यालय के होश उड़ गये. पिछले नौ माह से जेल में केरोसिन नहीं जा रहा था और वहां पर कुल 19960 लीटर का केरोसिन वारे-न्यारे हो गये.
यह उठ रहे सवाल
जेल प्रशासन ने केरोसिन आवंटन बंद करने की सूचना दी तो फिर किस आधार पर उन्हें आवंटन जारी हुआ.
अगर केरोसिन आवंटन की संबंधित जेल प्रशासन ने जानकारी नहीं दी तो इसकी जिम्मेवारी जेल प्रशासन के किस पदाधिकारी की थी.
पुलिस की जांच में संबंधित जेल पदाधिकारी से पूछताछ होगी और उनके खिलाफ किस स्तर की कार्रवाई होगी.
मनोज कुमार सिंह के नाम से कौन दे रहा था सर्टिफिकेट
विशेष केंद्रीय कारा व शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा ने सरकारी होलसेलर यूनिवर्सल स्टोर फर्म के मालिक सह संचालक संदीप कुमार शर्मा से आवंटित केराेसिन को जेल में पहुंचाने के लिए कक्षपाल मनोज कुमार सिंह को प्राधिकृत किया था. सदर अनुमंडल कार्यालय में प्राधिकृत मनोज कुमार सिंह के नाम से आवंटन पाये जाने का सर्टिफिकेट भी जमा किया जा रहा था. यह सर्टिफिकेट नवंबर 2017 तक जमा किया गया. अब मनोज कुमार सिंह ही बतायेगा कि जेल के नाम से उठाये गये केरोसिन को कहां देते थे.
प्रत्येक माह 1400 लीटर का मिल रहा था फर्जी सर्टिफिकेट
दोनों जेल में केरोसिन आवंटन के नाम पर प्रत्येक माह 1400 लीटर का आवंटन दिया गया. इस आवंटन के एवज में फर्जी सर्टिफिकेट भी सदर अनुमंडल कार्यालय में दिया गया.
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