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रेलवे अधिकारियों ने कहा, पांच को ही टूटेगा पुल

कहलगांव : रेलवे दोहरीकरण की प्रक्रिया में लंबे से समय से बाधक बने कहलगांव के आरओबी-127 (उल्टा पुल) को निर्धारित तिथि पांच नवंबर को ही ध्वस्त करने के लिए रेल प्रशासन गंभीर है. दूसरी ओर कहलगांव के जनप्रतिनिधि, राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोगों का कहना है कि जलापूर्ति व यातायात की समस्याओं के निदान […]

कहलगांव : रेलवे दोहरीकरण की प्रक्रिया में लंबे से समय से बाधक बने कहलगांव के आरओबी-127 (उल्टा पुल) को निर्धारित तिथि पांच नवंबर को ही ध्वस्त करने के लिए रेल प्रशासन गंभीर है. दूसरी ओर कहलगांव के जनप्रतिनिधि, राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोगों का कहना है कि जलापूर्ति व यातायात की समस्याओं के निदान के बाद ही पुल तोड़ा जाये. बहरहाल, इस मामले में अब डीएम के आदेश का इंतजार है. कहलगांव के एसडीओ ने भी डीएम को पत्र लिखकर समस्याओं के निदान के बाद ही पुल तोड़ने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित ट्राइसेम भवन में सोमवार को बीडीओ आरएल निगम द्वारा बुलायी गयी

बैठक में छह-सात लोग ही शामिल हुए. सभी ने यही कहा कि पेयजल व यातायात की समस्याओं के निदान के बाद पुल तोड़ा जाये. बैठक में संजीव कुमार, शहवाज आलम मुन्ना, प्रवीण राणा, दिवाकर सिन्हा, राजेश सिंह और नगर पंचायत के एकमात्र पार्षद अजय मंडल आये.

रेलवे इंजीनियर ने कहा वायदे के मुताबिक हमने करा दिया काम
बैठक में रेलवे के इंजीनियर ने कहा कि रेल पुल टूटने के बाद उत्पन्न होने वाली पेयजल आपूर्ति व यातायात की समस्याओं के निदान के लिए रेलवे ने अपने वायदे के मुताबिक काम करा दिया है. बस स्टैंड के समीप अंडरब्रिज के दोनों लेन की ढलाई करा दी गयी है. जलापूर्ति के लिए नयी पाइपलाइन भी बिछा दी गयी है. इसके बाद भी यदि आधे शहर को पानी नहीं मिल रहा है, तो यह रेलवे की समस्या नहीं है. इस समस्या के समाधान के लिए नगर पंचायत, पीएचइडी व स्थानीय प्रशासन को कदम उठाने चाहिए.
पांच दशक पुरानी है पाइपलाइन
शहर की जलापूर्ति पाइपलाइन पांच दशक पुरानी है. पाइप में जगह-जगह गाद फंसा है और लीकेज है, जिसके कारण एक दशक से शहर में पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है. नपं के कुल 17 वार्डों में से 01 से 06 तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. गत शनिवार व रविवार को रेलवे द्वारा बिछायी गयी नयी पाइपलाइन से भी ट्रायल में इन वार्डों में पानी नहीं पहुंचा.
एक हजार अवैध कनेक्शन भी जलापूर्ति में बाधक : पिछले वर्ष नगर पंचायत चुनाव से पूर्व वोट की राजनीति के लिए कुछ दबंग वार्ड पार्षदों ने जबरन अपने-अपने वार्डों में घर-घर प्रसाद की तरह वाटर कनेक्शन बांट दिये. शहर में करीब एक हजार अवैध कनेक्शन हैं, जिससे समस्या बढ़ गयी.
लोगों की मांग पहले पेयजल की समस्या का हो निदान
अब डीएम के आदेश का है इंतजार
पीएचइडी ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एसडीओ को लिखा पत्र
पुल टूटने के बाद शहर में उत्पन्न होने वाले जलसंकट से निबटने के लिए पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार ने एसडीओ अरुणाभ चंद्र वर्मा को पत्र लिखा है. उन्होंने अनुरोध किया है कि जलापूर्ति की पूरी व्यवस्था होने के बाद ही पुल तोड़ने की अनुमति दी जाये. पत्र में उन्होंने दो विकल्प भी सुझाये हैं. उन्होंने कहा नपं क्षेत्र में कम व्यास की बोरिंग व इसके अनुरूप मोटर पंप लगाकर जलापूर्ति कराना उचित होगा. इसके लिए नपं द्वारा मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल के लिए हर वार्ड में बोरिंग करा जलापूर्ति की जा सकती है. इसके अलावा समस्याग्रस्त वार्डों में टैंकर के जरिये जलापूर्ति की जा सकती है.

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