भागलपुर : एपीआइ बिहार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह कॉर्डियोलॉजिस्ट-डायबेटालॉजिस्ट डॉ हेमशंकर शर्मा व कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ मनीष कुमार ने कहा कि 40 प्लस लोग दिल की बीमारी के शिकार हो रहे हैं. अब तो युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोग का शिकार हो रही है. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस बीमारी के शिकार लोगाें में ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं हो पाता है कि उन्हें हृदय रोग है. जब तक उन्हें यह मालूम होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
अपनी जीवन शैली में बदलाव, थोड़ा शारीरिक श्रम व सजगता-सतर्कता से हम हृदय रोग का शिकार होने से बच सकते हैं. डॉ शर्मा व कुमार विश्व हृदय दिवस के पूर्व संध्या पर आश्रय क्लिनिक पर आयोजित पत्रकारवार्ता के जरिये मीडिया से मुखातिब थे. उन्हाेंने कहा कि विश्व हृदय दिवस के तहत एपीआइ (एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया बिहार) ने निर्णय लिया है कि शहर के सभी फिजिशियन 29 सितंबर से पांच अक्तूबर तक अपने-अपने क्लिनिक पर मरीजों को हृदय रोग को लेकर जागरूक करेंगे.
डॉ शर्मा व डॉ कुमार ने कहा कि हृदय रोग से बचाव, जीवन शैली में परिवर्तन कर आसानी से हृदय राेग की समस्या को जीता जा सकता है. धूम्रपान, शराब का सेवन, एक्सरसाइज का अभाव, शुगर व हाई बीपी की बीमारी व तनाव से लोग हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि 40 प्लस का हर व्यक्ति नियमित समय पर अपना कोलेस्ट्राल, बीपी, तनाव लेवल, वजन, ब्लड शुगर की जांच कराता रहे.