भागलपुर: बरारी का कुख्यात अपराधी अभय यादव जेल से रिहा हो गया है. उसके रिहा हुए दो दिन हो गये. चुनाव से ठीक पहले अभय की जेल से रिहाई ने पुलिस की बेचैनी बढ़ा दी है. 25 सितंबर 2013 को पुलिस ने अभय यादव को बरारी के पिपलीधाम से गिरफ्तार किया था. अभय के खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी, छिनतई व बम विस्फोटक के डेढ़ दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं.
ज्यादातर मामलों में उसे जमानत मिल चुकी है. राजद नेता लक्ष्मीकांत यादव की हत्या में भी अभय की संलिप्तता का पता चला था. अभय ने अजय पोद्दार से दो लाख की रंगदारी मांगी थी. वार्ड-28 के पार्षद पति जफर पर बमबाजी करने ?का भी आरोप है. बमबारी करने में अभय यादव को मास्टर माना गया है. 25 जुलाई 2011 को पुलिस ने अभय यादव के घर से कई जिंदा बम बरामद किया था. पुलिस अभय के खिलाफ सीसीए लगाने की तैयारी कर रही है, ताकि चुनाव के दौरान उस पर कड़ी निगरानी रखी जा सके.
जेल पर पुलिस की विशेष नजर. भागलपुर के दोनों जेलों में बंद अपराधी जेल के भीतर से ही चुनाव में गड़बड़ी फैला सकते हैं. इस आशंका को भांपते हुए भागलपुर पुलिस ने जेल में बंद कुख्यात अपराधकर्मियों की सूची तैयार कर रही है. जेल में बंद वैसे अपराधी जो बेल के लिए प्रयासरत हैं, उन्हें पुलिस चिह्न्ति कर रही है, ताकि उनकी सूची बना कर उनके जमानत निरस्तीकरण का प्रस्ताव भेजा जा सके. दो सालों के भीतर जिन लोगों पर दो या दो से अधिक मामले दर्ज हुए हैं, उनके खिलाफ सीसीए की कार्रवाई पुलिस करने की तैयारी में है.